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Finland आज बनेगा नाटो का सदस्य, Vladimir Putin के लिए झटका

ब्रसेल्सः फिनलैंड मगंलवार को दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का आधिकारिक तौर पर सदस्य बन जाएगा। उसके पड़ोसी रूस ने चेताया है कि अगर नाटो अपने 31वें सदस्य राष्ट्र के क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक या उपकरण तैनात करेगा तो वह फिनलैंड की सीमा के पास अपनी रक्षा प्रणाली को.

ब्रसेल्सः फिनलैंड मगंलवार को दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का आधिकारिक तौर पर सदस्य बन जाएगा। उसके पड़ोसी रूस ने चेताया है कि अगर नाटो अपने 31वें सदस्य राष्ट्र के क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक या उपकरण तैनात करेगा तो वह फिनलैंड की सीमा के पास अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा। नाटो के ब्रसेल्स स्थित मुख्यालय के बाहर अन्य सदस्य देशों के ध्वज के साथ ही फिनलैंड का नीले और सफेद का रंग झंडा भी लहराया जाएगा।

फिनलैंड के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम नाटो की 74वीं वर्षगांठ के दिन हो रहा है। चार अप्रैल 1949 को ही नाटो की स्थापना के लिए वाशिंगटन संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। यह संयोग ही है कि गठबंधन के विदेश मंत्रियों की बैठक भी हो रही है। फिनलैंड के गठबंधन में शामिल होने वाले आग्रह को मंजूरी देने वाला तुíकये नाटो का अंतिम देश है। उसने बृहस्पतिवार को ऐसा किया है। वह समारोह से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को अपने फैसले का आधिकारिक दस्तावेज सौंपेगा।

फिर फिनलैंड अपनी सदस्यता को आधिकारिक रूप देने के लिए ब्लिंकन को अपने अंतिम दस्तावेज सौंपेगा। पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले से चिंतित फिनलैंड ने कई सालों तक सैन्य तौर पर गुटनिरपेक्ष रहने के बाद मई 2022 में नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। उसके पड़ोसी स्वीडन ने भी आवेदन किया था, लेकिन उसके गठबंधन में शामिल होने में कुछ वक्त लग सकता है। फिनलैंड और रूस के बीच 1340 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह कदम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए रणनीतिक और राजनीतिक रूप से झटका है। वह लंबे अरसे से शिकायत करते आए हैं कि नाटो रूस की ओर विस्तार कर रहा है।

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