चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 24 जनवरी को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ फोन पर वार्ता की। इस मौके पर वांग यी ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर वार्ता की और सिलसिलेवार सहमतियां कायम कीं। चीन और अमेरिका के बीच संबंधों के विकास के नए महत्वपूर्ण नोड की शुरूआत सामने आई। फोन वार्ता में शी चिनफिंग ने अमेरिका के प्रति चीन की नीति पर व्यापक प्रकाश डाला, वहीं ट्रंप ने सक्रिय जवाब देते हुए शी चिनफिंग के साथ बेहतर संबंध कायम रहने की इच्छा जताई और कहा कि अमेरिका-चीन सहयोग दुनिया में मौजूद तमाम समस्याओं का समाधान कर सकता है।
वांग यी ने आगे कहा कि दोनों देशों के नेताओं ने चीन-अमेरिका संबंधों की दिशा और स्वर को तय किया। दोनों पक्षों को नेताओं के बीच संपन्न महत्वपूर्ण सहमतियों का अच्छे से कार्यान्वयन करना चाहिए और आपसी सम्मान, शांतिपूर्ण अस्तित्व, सहयोग व समान जीत के सिद्धांत पर संपर्क कायम रहने के साथ मतभेद पर नियंत्रण और सहयोग बढ़ाना होगा, ताकि चीन-अमेरिका संबंधों का सतत, स्वस्थ और अनवरत विकास बढ़ सके। इससे नए युग में चीन और अमेरिका के बीच तालमेल बिठाने का सही रास्ता मिल सकेगा।
वांग यी ने यह भी कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का नेतृत्व चीनी लोगों द्वारा किया गया चुनाव है। चीन के विकास का स्पष्ट ऐतिहासिक तर्क और मजबूत अंतर्जात प्रेरक शक्ति है। हमारा लक्ष्य नागरिकों को बेहतर जीवन देने के साथ दुनिया में ज्यादा योगदान करना है। हम किसी को पीछे छोड़ना या किसी की जगह लेना नहीं चाहते, लेकिन अपने वैध विकास अधिकार की रक्षा जरूर करते हैं।
फोन पर वांग यी ने थाईवान मुद्दे पर चीन के सैद्धांतिक रुख पर प्रकाश डाला और अमेरिका से सावधानी से इसका निपटारा करने का अनुरोध किया। वांग यी ने कहा कि थाईवान प्राचीन काल से ही चीन का अभिन्न अंग रहा है। हम थाईवान को चीन से कभी अलग नहीं होने देंगे। अमेरिका ने चीन और अमेरिका की तीनों संयुक्त विज्ञप्तियों में एक चीन की नीति पर कायम रहने का वचन दिया था। अमेरिका अपने वादे को नहीं तोड़ सकता।
वहीं, रुबियो ने कहा कि अमेरिका और चीन दो महान देश हैं। अमेरिका-चीन संबंध 21वीं सदी में सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं, जो दुनिया का भविष्य तय करेंगे। अमेरिका चीन के साथ खुलकर संपर्क करना चाहता है और मतभेदों का उचित समाधान करने के साथ परिपक्व और विवेकपूर्ण ढंग द्विपक्षीय संबंधों का प्रबंधन करना चाहता है, ताकि एक साथ वैश्विक चुनौतियों का मुकालबा कर विश्व शांति और स्थिरता की रक्षा की जा सके। अमेरिका थाईवान की स्वाधीनता का समर्थन नहीं करता। आशा है कि थाईवान जलडमरुमध्य के दोनों तटों के लिए स्वीकार्य तरीके से थाईवान मुद्दे का शांतिपूर्ण निपटारा होगा।
अंत में वांग यी ने कहा कि महान देश को महान देश की तरह व्यवहार करना चाहिए और उचित अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। महान देश को विश्व शांति की रक्षा करनी होगी और अन्य देशों को साझा विकास करने में सहायता देनी होगी। आशा है कि आप चीन व अमेरिका के लोगों के भविष्य और दुनिया की शांति व स्थिरता में रचनात्मक भूमिका निभाने में प्रयास करेंगे।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)