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8 साल में 4800 से अधिक विकलांगों को नि:शुल्क ट्रेनिंग 

53 वर्षीय वांग शाओजुन खेल के मैदान में सनशाइन बॉय थे। लेकिन 17 साल की उम्र में, वे फाइबुलर मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित हो गए, एक ऐसी बीमारी जो मांसपेशियों को धीरेधीरे खत्म कर देती है, और आखिरकार वे खड़े नहीं हो पाते। वांग शाओजुन ने दूसरों को अपनी बीमारी के बारे में नहीं बताया। अपने सामान्य साथियों की तरह, उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए कड़ी मेहनत की और विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद काम किया। वर्ष 1999 में स्थिति बिगड़ने के कारण उन्होंने अपनी भविष्य की आजीविका के लिए योजना बनायी।

21वीं सदी की शुरुआत में, चीन में इंटरनेट उद्योग उभरना शुरू ही हुआ था। वांग शाओजुन ने पहले लहसुन व्यापार केंद्र की स्थापना की और जीवन में पहली बार पैसा कमाया। व्यक्तिगत आजीविका की समस्या का समाधान करने के बाद वांग शाओजुन ने जीवन के मूल्य और अर्थ पर विचार करना शुरू किया। एक विकलांग व्यक्ति के रूप में, वांग शाओजुन इसे गहराई से समझते हैं कि अधिकांश विकलांग अपने घर में रहते हैं और अपनी देखभाल के लिए परिवार के सदस्यों पर निर्भर रहते हैं। वे खुद की देखभाल करने में असमर्थ होते हैं और उनके पास कोई नौकरी नहीं होती है। वांग शाओजुन इस स्थिति को बदलना और विकलांग लोगों से खुद पर निर्भर करना चाहते हैं।

इसीलिए वर्ष 2015 वांग शाओजुन ने अपनी स्वयं की बचत से विकलांग लोगों के लिए एक प्रशिक्षण, रोजगार और उद्यमिता केंद्र की स्थापना की। यह केंद्र विकलांग लोगों के लिए नि:शुल्क रोजगार प्रशिक्षण, भोजन और आवास की व्यवस्था करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और रोजगार ही विकलांग लोगों के लिए आत्मनिर्भर बनने का एकमात्र तरीका है। यदि उनकी कोई आय नहीं है, तो वे केवल परिवार और समाज के लिए एक बोझ हैं। उनकी कभी भी गरिमा नहीं होगी। और से अधिक विकलांग लोगों को स्थिर रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए वांग शाओजुन ने शॉर्ट वीडियो क्लिप, हस्तनिर्मित कपड़े, मिट्टी के बर्तन आदि विकलांग लोगों के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए। पिछले 8 सालों में 4800 से अधिक विकलांग लोगों ने इस केंद्र से ट्रेनिंग ली है। इन विकलांगों ने इंटरनेट के जरिए कड़ी मेहनत से सुखमय जीवन हासिल किया है। 

(साभार चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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