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पंचशील से मानवता के साझे भविष्य वाले समुदाय तक

28 जून को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पाँच सिद्धांत(पंचशील) जारी होने की 70वीं वर्षगांठ मनाने की महासभा में भाग लेकर महत्वपूर्ण भाषण दिया। उन्होंने शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पाँच सिद्धांतों की भावना और युगांतर मूल्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नयी परिस्थिति में मानवता के साझे भविष्य वाले समुदाय का निर्माण करना शांतिपूर्ण सहअस्तित्व संभालने और उसे उन्नत करने का सबसे अच्छा उपाय है। उन्होंने वैश्विक दक्षिण से विश्व के अन्य देशों की जनता  के साथ बेहतर भविष्य रचने की अपील की।

शी ने अपने भाषण में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पाँच सिद्धांतों के ऐतिहासिक योगदान का सार बताया। उन्होंने कहा कि इन सिद्धांतों ने अंतरराष्ट्रीय संबंध व अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए ऐतिहासिक मापदंड स्थापित किये ,विभिन्न सामाजिक व्यवस्थाओं के देशों के बीच संबंधों की स्थापना व विकास के लिए सही मार्गदर्शन प्रदान किया, विकासशील देशों के लिए एकता ,सहयोग व संयुक्त सशक्तिकरण के लिए मजबूत शक्ति एकत्र की और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के सुधार के लिए ऐतिहासिक बुद्धिमत्ता प्रदान की।

नयी परिस्थिति में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पाँच सिद्धांतों का प्रचार और मानवता के साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण के सवाल पर शी चिनफिंग ने उत्तर देते हए बल दिया कि हमें प्रभुसत्ता की समानता के सिद्धांत पर कायम रहना,पारस्परिक सम्मान का आधार मजबूत बनाना ,शांति व सुरक्षा का दृष्टिकोण पूरा करना,समृद्धि बनाने की शक्ति एकत्र करना,निष्पक्ष व न्याय की अवधारणा अपनाना और खुलेपन व समावेश का संकल्प करना चाहिए।

शी ने अपने भाषण में कहा कि मानवता के साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण में वैश्विक दक्षिण को आगे चलना चाहिए। उन्होंने वैश्विक दक्षिण के खुलेपन व समावेश के सहयोग की वकालत की और 8 ठोस कदमों की घोषणा की।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) 

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