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गौतम अदाणी और सात अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और प्रत्यर्पण की हो सकती है कोशिश : अटॉर्नी 

Gautam Adani

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Gautam Adani : अरबपति गौतम अदाणी और सात अन्य के खिलाफ करोड़ों डॉलर के रिश्वतखोरी मामले में अमेरिका द्वारा दीवानी और आपराधिक आरोप दायर किए जाने के बाद, यहां के एक प्रमुख वकील ने कहा है कि मामला काफी आगे बढ़ सकता है और इससे गिरफ्तारी वारंट और यहां तक कि प्रत्यर्पण के प्रयास भी हो सकते हैं।
अमेरिकी न्याय विभाग ने भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अदाणी तथा उनके भतीजे सागर अदाणी सहित सात अन्य पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, इसमें अधिकारियों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। इन परियोजनाओं से समूह को 20 साल से अधिक समय में दो अरब डॉलर से अधिक लाभ होने का अनुमान है।
हालांकि, अदाणी समूह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोप ‘निराधार’ हैं और समूह ‘सभी कानूनों का अनुपालन करता है।’
भारतीय-अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने कहा, अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस को अदाणी और सात अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने और उन देशों में उनकी सेवा करने का अधिकार है, जहां वे रहते हैं। उन्होंने कहा, अगर उस देश के पास (जैसा कि भारत के पास है) प्रत्यर्पण संधि है, तो संप्रभु राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय अनुबंध के अनुसार, निवासी राष्ट्र को अमेरिका द्वारा प्रर्त्यिपत व्यक्ति को सौंपना चाहिए।
बत्रा ने कहा कि अंतत: प्रत्यर्पण अत्यंत दुर्लभ परिस्थितियों के अभाव में होता है, जैसा कि चिली के पूर्व राष्ट्रपति ऑगस्टो पिनोशे के मामले में हुआ था। ब्रिटेन ने उन्हें केवल मानवीय आधार पर प्रर्त्यिपत नहीं किया। उन्होंने कहा, अदाणी और सात अन्य लोगों से जुड़े इस मामले में पिनोशे की मिसाल लागू होते देखना मुश्किल है। भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि पर 1997 में हस्ताक्षर किए गए थे।
न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी पीस ने 62 वर्षीय अदाणी, उनके भतीजे सागर (समूह की अक्षय ऊर्जा इकाई अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक) और इसके पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) विनीत एस जैन के खिलाफ पांच-अनुसूचित आपराधिक अभियोग की घोषणा की है।
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