हल साल 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस है। वर्ष 2012 में आयोजित 66वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसे निर्धारित किया गया। यूएन महासभा के प्रस्ताव में कहा गया है कि खुशी और कल्याण दुनिया भर के सभी लोगों का आम लक्ष्य और अपेक्षा है। तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने पहले अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस में कहा था कि खुशी की तलाश प्रयास का मूल है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अनवरत विकास में संलग्न रहना चाहिए और एक साथ सुखी भविष्य का निर्माण करना चाहिए।
वर्ष 2022 विश्व खुशी रिपोर्ट में कहा गया है कि फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश है, जो लगातार पाँच सालों से दुनिया के पहले स्थान पर रहा। डेनमार्क और आइसलैंड क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। वहीं, चीन 12 स्थान बढ़कर 72वें स्थान पर रहा, जो तालिका के मध्य में स्थित है। विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र के जारी होने की 70वीं वर्षगांठ को बधाई देते हुए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि लोगों का सुखमय जीवन सबसे बड़ा मानवाधिकार है। बेहतर जीवन के लिए लोगों की चाहत पूरा करना चीन सरकार का लक्ष्य है। जैसा कि शी चिनफिंग ने कहा कि सुखी जीवन का सपना, मजबूत देश का सपना और चीनी सपना वास्तव में आम लोगों का “खुशी का सपना” है। जन जीवन में सुधार इसकी सबसे अच्छी व्याख्या है।
चीन ने समय पर गरीबी उन्मूलन पूरा किया, ऐतिहासिक तौर पर संपूर्ण गरीबी दूर की और समग्र तौर पर खुशहाल समाज का निर्माण पूरा किया है। चीन ने दुनिया में सबसे बड़ी सामाजिक गारंटी व्यवस्था स्थापित की, जिसमें पेंशन, चिकित्सा गारंटी और सामाजिक सहायता आदि शामिल है। चीन की औसत जीवन प्रत्याशा 78.2 वर्ष तक पहुंच गई है, जो उच्च मध्यम आय वाले देशों में आगे है। चीन में प्रमुख प्रदूषकों की निकासी में कमी आई, जिससे लोगों के रहने के वातावरण में बड़ा सुधार आया और लोगों के सपने भी साकार हो रहे हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)