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‘टिशु कल्चर’ के जरिये मोती बना रहे हैं अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में आने वाले मेहमान

नोएडा: उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी में आने वाले मेहमानों के लिए एक्वाकल्चर वैज्ञनिक अजय कुमार सोनकर के स्टॉल पर जैविक र} माने जाने वाले ‘मोती’ को बनाने की प्रक्रिया को देखना एक रोचक अनुभव बन रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में आगंतुकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।इस व्यापार प्रदर्शनी में पद्म पुरस्कार से सम्मानित विशेष हस्तियों को राज अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। उनके लिए एक विशेष पंडाल लगाया गया है। यहां सोनकर ‘टिशू कल्चर’ के जरिए प्रयोगशाला के फ्लास्क में समुद्री सीप से बेहद कीमती मोती बनाने की आधुनिकतम तकनीक का जीवंत प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शनी में आने वाले इस स्टॉल पर लगे आधुनिक माइक्रोस्कोप के जरिये ‘फ्लास्क’ के अंदर सीप के उत्तक (टिशु) द्वारा मोती बनने का साक्षात अनुभव कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के निवासी और वर्ष 2022 में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित सोनकर ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मोती के रूप रंग और उसकी गुणवत्ता का निर्धारण सीप की प्रजातियों पर निर्भर करता है। इस वजह से मुझे उत्तर प्रदेश से समुद्री तट वाली शांत जगह अंडमान निकोबार का रुख करना पड़ा, जहां पिंक टाडा मार्गेरेटिफेरा’, पिंक टाडा मैक्सिमा’ जैसी समुद्री सीपों की प्रजातियां उपलब्ध थीं।’’ उन्होंने आगे बताया, ‘‘कोरोना महामारी के दौरान मुझे इलाहाबाद लौटना पड़ा और मैं ‘टिशु कल्चर’ तकनीक के जरिए इसी समुद्री सीप के अंग-विशेष का उपयोग कर ‘फ्लास्क’ के अंदर मोती विकसित करने पर काम करने लगा। यह प्रयोग सफल रहा।’’

सोनकर ने अपने विशेष स्टॉल में अपनी प्रयोगशाला के ‘माइक्रोस्कोप सेटअप’ के माध्यम से टिशू में बन रहे मोती की प्रदर्शनी लगाई है, जो पहले दिन से ही प्रदर्शनी का प्रमुख आकर्षण बन गया।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला ग्रेटर नोएडा में 21-25 सितंबर तक चलेगा। इस व्यापार मेले के पहले संस्करण का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरू ने बृहस्पतिवार को किया।राज्य सरकार ने यह अंतरराष्ट्रीय मेला, उत्तर प्रदेश को एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने के लक्षय़ के तहत आयोजित किया है। प्रदर्शनी में 70 देशों से भागीदार शामिल हुए हैं। यहां दुनिया भर से लगभग 70,000 से ज्यादा खरीददारों के आने की संभावना है। मेले में करीब 2000 उत्पादनों और सेवाओं से संबंधित स्टाल लगाए गए हैं।

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