Hawaii के जंगल की आग बनी इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा, 67 लाेगाें की हुई मौत

लॉस एंजेलिसः हवाई के जंगल की आग गंभीर स्तर पर पहुंच गई है और मरने वालों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है। यह राज्य के इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा बन गई है। रिपोर्ट के अनुसार, सैकड़ों लोगों के लापता होने की सूचना है और मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। रिपोर्ट.

लॉस एंजेलिसः हवाई के जंगल की आग गंभीर स्तर पर पहुंच गई है और मरने वालों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है। यह राज्य के इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा बन गई है। रिपोर्ट के अनुसार, सैकड़ों लोगों के लापता होने की सूचना है और मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह की शुरुआत में आग की लपटें तेजी से फैलने के बाद अमेरिकी राज्य के अधिकारियों ने पहली बार शुक्रवार को लाहिना को लोगों के लिए फिर से खोल दिया। इस ऐतिहासिक शहर का अधिकांश हिस्सा नष्ट हो गया है।

यहां दिन का कर्फ्यू लागू रहेगा और शहर के कुछ सबसे अधिक प्रभावित हिस्से खोज और बचाव कर्मयिों तक ही सीमित रहेंगे। पश्चिमी माउई, जहां लाहिना स्थित है, वहां अभी भी बिजली और पानी नहीं है। बचाव दल अभी भी क्षेत्र में जंगल की आग के पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं। गवर्नर जोश ग्रीन ने हवाईवासियों को चेतावनी दी कि लाहिना में जो आपको देखने को मिलेगा उसे देखना मुश्किल होगा।

गुरुवार को शहर का दौरा करने वाले गवर्नर ने कहा, कि ‘लाहिना एक तबाह क्षेत्र है। वे ऐसा विनाश देखेंगे जैसा उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा होगा।‘ उन्होंने कहा कि माउई द्वीप पर जंगल की आग से हुए नुकसान की भरपाई में कई साल लगेंगे। समृद्ध इतिहास वाला एक तटीय शहर लाहिना में 1,000 से अधिक इमारतें नष्ट हो गई हैं। यहां हर साल लगभग 20 लाख पर्यटक आते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को माउई काउंटी के अधिकारियों ने भी लाहिना में 12 अतिरिक्त मौतों की पुष्टि की हैं। यह हवाई की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा है। कुछ निवासियों को शुक्रवार को लाहिना लौटने की अनुमति दिए जाने के बावजूद, ऐतिहासिक शहर से लगभग 20 मील (32 किमी) दूर, वार मेमोरियल स्टेडियम शेल्टर में रह रहे कई लोगों का कहना है कि वे वापस जाने की जल्दी में नहीं हैं।

कई लोगों ने बताया कि वे जिन्दा हैं, वही काफी है। हवाई के माउई द्वीप और बिग आइलैंड पर जंगल की आग मंगलवार रात को शुरू हुई। कारण अभी भी ज्ञात नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि तूफानी हवाओं और शुष्क मौसम ने आग भड़काने में मदद की हैं।

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