“High-End Interviews”: यूरोपीय परिषद के प्रथम अध्यक्ष एवं बेल्जियम के पूर्व प्रधानमंत्री हरमन अचिल वान रोम्पुय ने हाल ही में चाईना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के “हाई-एंड इंटरव्यूज़” को एक विशेष साक्षात्कार दिया। रोम्पुय कई बार चीन का दौरा कर चुके हैं। उनके विचार में, “सद्भाव” चीनी सभ्यता का मूल अर्थ है, और चीन व यूरोप ” विविधता में सामंजस्य” और “मतभेदों को एक तरफ़ रखते हुए समान आधार खोजने” की अवधारणाओं के आधार पर एक साथ विकास कर सकते हैं।
उन्होंने कहा,अब दुनिया बहुत बदल गई है। मैंने देखा है कि यूरोप के युवाओं और चीन के युवाओं में कई समानताएं हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे सभी एक जैसे हैं। हमारे बीच मतभेद हैं। आखिरकार, हम अलग-अलग तरह के समाजों में रहते हैं, और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। यह एक सामान्य बात है। मैं यह कह रहा हूं कि बड़े मतभेदों के बावजूद हमें बातचीत जारी रखनी चाहिए। क्योंकि संवाद के माध्यम से हम सदैव कुछ नया सीख सकते हैं, और यह आमने-सामने का संवाद हमें एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है। इसके विपरीत, यदि संवाद करने की क्षमता खो दी जाए, तो संघर्ष और बहस अपरिहार्य हो जाती है, और समस्याओं का समाधान हिंसा और युद्ध के माध्यम से भी हो सकता है। इसलिए, संवाद अत्यंत महत्वपूर्ण है।
चीन और यूरोपीय संघ एक दूसरे के दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं, जिनके बीच प्रति मिनट औसत व्यापार मात्रा लगभग 15 लाख अमेरिकी डॉलर है, तथा चीन और यूरोपीय संघ के बीच दोतरफा निवेश का स्टॉक 2 खरब 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है। चीन-यूरोप मालगाड़ियों की कुल संख्या 1 लाख से अधिक हो गई है, जिससे यह एशिया-यूरोप व्यापार के लिए एक वास्तविक “स्वर्णिम चैनल” बन गया है।
वर्ष 2025 में चीन और यूरोपीय संघ के बीच राजनयिक सम्बंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है। चीन-यूरोपीय संघ सम्बंध एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गए हैं जो अतीत और भविष्य को जोड़ता है। चीन और यूरोप किस प्रकार राजनीतिक आपसी विश्वास को निरंतर बढ़ा सकते हैं, विभिन्न हस्तक्षेपों को समाप्त कर सकते हैं, तथा आर्थिक और व्यापारिक सहयोग के सम्बंधों को कैसे मजबूत कर सकते हैं, यह द्विपक्षीय सम्बंधों की दीर्घकालिक स्थिरता की कुंजी बन गया है।
हाल ही में चीन ने कई देशों के लिए वीज़ा-मुक्त नीति लागू की है। रोम्पुय के विचार में, यह एक बहुत ही अच्छी बात है,जो हमें एक-दूसरे से मिलने, जानने और समझने का अवसर प्रदान करते हैं।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब से चीन विश्व व्यापार संगठन में शामिल हुआ है, चीन की समृद्धि अपने अद्भुत तरीके से शुरू हुई है, जिसने चीन की अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास को काफी बढ़ावा दिया है। हमें न केवल चीन और यूरोपीय संघ के बीच, बल्कि विश्व स्तर पर भी वस्तुओं का प्रवाह सुनिश्चित करना होगा। वर्तमान में चीन की कई पहल इसमें योगदान दे रही हैं। मैं चीन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करता हूं।
वर्तमान विश्व का सामना करते हुए, राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल और वैश्विक सभ्यता पहल को आगे रखा है। यूरोप भी इन क्षेत्रों में बहुत महत्व देता है, विशेष रूप से सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में। सतत् विकास प्राप्त करना भी संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख लक्ष्य है। यूरोपीय संघ की तरह चीन भी इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आज की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में सुनने की समझदारी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। दुनिया के सभी देशों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, समान बातचीत करनी चाहिए और एक-दूसरे के साथ ईमानदारी से पेश आना चाहिए, ताकि दुनिया के सामने मौजूद कई समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।
(साभार – चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)