वाशिंगटन/नई दिल्ली: अमरीकी निवेश एवं अनुसंधान कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपना कारोबार समेट लिया है। इसके संस्थापक नैट एंडरसन ने यह जानकारी दी। उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी करने के बाद यह कंपनी चर्चा में आ गई थी। हिंडनबर्ग की शुरुआत 2017 में की गई थी। एंडरसन (40) ने यह घोषणा डोनाल्ड ट्रंप के अमरीका के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने से कुछ ही दिन पहले की है। उन्होंने अपने निर्णय के पीछे काम में गहन संलिप्तता को कारण बताया है, लेकिन आलोचकों ने जॉर्ज सोरोस के साथ हिंडनबर्ग के कथित संबंधों और आगामी ट्रंप प्रशासन के भारी दबाव को इसकी मुख्य वजह करार दिया है। इस खबर के आने के बाद अदाणी समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) जुगे¨शदर रॉबी सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘कितने गाजी आए, कितने गाजी गए।’
हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें अदाणी समूह पर ‘कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने’ का आरोप लगाया गया था। समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी तथा वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट के आने के बाद समूह की कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में 150 अरब अमरीकी डॉलर की गिरावट आई थी। अदाणी समूह ने हालांकि इन सभी आरोपों का खंडन किया था। एंडरसन ने लिखा, ‘हमने कुछ ऐसे साम्राज्यों को हिला दिया, जिन्हें हिलाने की हमें जरूरत महसूस हुई।’