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भारतीय ने की अमेरिका में टेलीफोन प्रदाताओं व बीमा कंपनियों से लाखों डॉलर की धोखाधड़ी

न्यूयॉर्क: एक भारतीय नागरिक ने स्वीकार किया है कि उसने चोरी या नकली पहचान का उपयोग करके प्रतिस्थापन सेलुलर उपकरणों के लिए फर्जी दावे प्रस्तुत करके और फिर उन उपकरणों को अमेरिका के बाहर दोबारा बेचकर विभिन्न टेलीफोन प्रदाताओं और बीमा कंपनियों को लाखों डॉलर का चूना लगाया है। नेवार्क के 42 वर्षीय पराग भावसार ने अमेरिकी जिला न्यायाधीश मैडलिन कॉक्स अर्लेओ के समक्ष अपना दोष स्वीकार किया, जिसमें उन पर मेल धोखाधड़ी की साजिश रचने का एक मामला और चोरी की संपत्ति के अंतरराज्यीय हस्तांतरण की साजिश का एक मामला दर्ज किया गया था।

अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर. सेलिंगर ने बुधवार को घोषणा की कि अगले साल तीन जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।मामले में दायर दस्तावेजों और अदालत में दिए गए बयानों के अनुसार, जून 2013 से जून 2019 तक, भावसार अमेरिकी डाक सेवा मेल प्रणाली के साथ-साथ अन्य तीसरे पक्ष का उपयोग करके सेलुलर टेलीफोन प्रदाताओं और बीमा कंपनियों को धोखा देने की एक व्यापक योजना में शामिल था।उसने और उसके सहयोगियों ने प्रतिस्थापन उपकरण प्राप्त करने के लिए, खोए हुए, चोरी हुए या क्षतिग्रस्त सेलुलर टेलीफोन, साथ ही अन्य उपकरणों के झूठे दावे प्रस्तुत करने के लिए चोरी और नकली पहचान का उपयोग किया।

भावसार और उसके साथियों ने न्यू जर्सी सहित पूरे अमेरिका में मेलबॉक्स और भंडारण इकाइयों का एक नेटवर्क बनाए रखा, जहां प्रतिस्थापन उपकरण भेजे जाते थे और फिर देश के बाहर तीसरे पक्ष को बेचे जाने से पहले रखे जाते थे।भावसार की योजना के परिणामस्वरूप सेलुलर टेलीफोन प्रदाताओं और बीमा कंपनियों को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ।मेल धोखाधड़ी की साजिश के आरोप में अधिकतम 20 साल की जेल और 250,000 डॉलर का जुर्माना या अपराध से लाभ या हानि का दोगुना, जो भी सबसे बड़ा हो, का प्रावधान है।

 

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