भारतीय दूत खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त की गुरुद्वारा यात्रा रोकी

लंदन: ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया।दोरईस्वामी इस सप्ताह स्कॉटलैंड के दौरे पर थे। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि स्कॉटलैंड के बाहर के तीन लोगों ने शुक्रवार शाम को.

लंदन: ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया।दोरईस्वामी इस सप्ताह स्कॉटलैंड के दौरे पर थे। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि स्कॉटलैंड के बाहर के तीन लोगों ने शुक्रवार शाम को यात्र को ‘जानबूझकर बाधित’ किया और उनमें से एक ने अल्बर्ट ड्राइव स्थित ग्लासगो गुरुद्वारा गुरु ग्रंथ साहिब में वरिष्ठ राजनयिकों के पहुंचने पर राजनयिक वाहन को हिंसक तरीके से खोलने का भी प्रयास किया।

बयान के अनुसार, जैसे ही उन्होंने धमकियां और गालियां दीं, उच्चायुक्त (एचसी) और भारत के महावाणिज्य दूत (सीजी) ने आगे किसी भी विवाद पर विराम लगाने के लिए परिसर छोड़ने का फैसला किया। भारतीय उच्चायोग ने कहा, ‘‘उन्नतीस सितंबर, 2023 को स्कॉटलैंड के बाहर के क्षेत्रों के तीन व्यक्तियों ने समुदाय की गुरुद्वारा समिति, उच्चायुक्त (एचसी) और भारत के महावाणिज्य दूत (सीजी) द्वारा आयोजित एक सुनियोजित वार्ता को बाधित कर दिया।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘यह बैठक गुरुद्वारा समिति के आग्रह पर आयोजित की गयी थी। समिति ने दूतावास और अन्य मामलों से संबंधित ंिचताओं के निपटारे के लिए बैठक बुलाई थी। आयोजकों में वरिष्ठ समुदाय के नेता, महिलाएं और समिति के सदस्य और स्कॉटिश संसद के एक सदस्य शामिल थे। इन तत्वों द्वारा उन्हें धमकाया गया और र्दुव्‍यवहार किया गया। किसी भी संभावित विवाद को रोकने के प्रयास में, एचसी और सीजी ने उनके आगमन के तुरंत बाद परिसर छोड़ने का फैसला किया।’’

बयान में कहा गया है, आयोजकों में से एक ने त्वरित प्रतिक्रिया के तहत वाहन के दरवाजे पर की जा रही जोर-जबरदस्ती में शारीरिक रूप से हस्तक्षेप किया, जिससे एक बड़ी घटना टल गई।’’ बयान के अनुसार, भारतीय उच्चायोग ने इस शर्मनाक घटना की सूचना विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) और मेट्रोपॉलिटन पुलिस को दी है। हिन्द -प्रशांत के लिए एफसीडीओ मंत्री ने घटना पर अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए तुरंत सोशल मीडिया का सहारा लिया।मंत्री ऐनी-मैरी ट्रेवेलियन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह देखकर चिंतित हूं कि भारतीय उच्चायुक्त, विक्रम दोरईस्वामी को ग्लासगो में गुरुद्वारा समिति के साथ बैठक करने से रोक दिया गया है। विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा अत्यंत महत्व का विषय है और ब्रिटेन में हमारे उपासना स्थल सभी के लिए खुले होने चाहिए।’’

स्थानीय पुलिस ने कहा कि उसे ‘गड़बड़ी’ के उपरांत बुलाया गया था और मामले में पूछताछ जारी है।स्कॉटलैंड पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमें शुक्रवार, 29 सितंबर को अपराह्न् लगभग 1.05 बजे ग्लासगो के अल्बर्ट ड्राइव क्षेत्र में हुई गड़बड़ी की रिपोर्ट पर बुलाया गया था। किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है और पूरी स्थिति पता लगाने के लिए पूछताछ जारी है।’’ ग्लासगो में उत्पन्न विवाद के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक सिख व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘हमें किसी भी भारतीय राजदूत, आधिकारिक क्षमता में आए भारत सरकार के किसी भी व्यक्ति का स्वागत इसी तरह करना चाहिए।’ यह घटना उच्चायुक्त की स्कॉटलैंड की दो-दिवसीय यात्र के अंत में हुई। स्कॉटलैंड की यात्र के दौरान स्थानीय नेताओं, प्रवासी प्रतिनिधियों, व्यापार प्रमुखों और विश्वविद्यालय समूहों के साथ बैठकों और चर्चाओं की एक शृंखला शामिल थी।

सूत्रों ने बताया कि कुछ बाहरी लोगों और कट्टरपंथी तत्वों के अनावशय़क विवाद ने शहर के अधिकांश शांतिप्रिय सिखों की बातचीत और सामुदायिक सहभागिता की योजना बाधित कर दी।स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री हमजा यूसुफ के साथ उनकी मुलाकात के दौरान भारत में आतंकवाद के आरोप में हिरासत में ब्रिटिश सिख जगतार सिंह जोहल का मुद्दा भी उठाया गया। भारतीय उच्चायोग ने बैठक के संदर्भ में ट्वीट किया,एफएम (प्रथम मंत्री हमजा) यूसुफ द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों का जवाब देते हुए, उच्चायुक्त ने जोर देकर कहा कि आठ गंभीर आरोपों का सामना कर रहे जोहल के मामले में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है। एफएम ने उच्चायुक्त के इस स्पष्ट संदेश की भी सराहना की कि भारत के बहुलवादी और स्वतंत्र लोकतंत्र में सभी समुदायों के अधिकारों की गारंटी है।’’ भारतीय मिशन ने कहा कि स्कॉटिश नेताओं के साथ चर्चा में फिनटेक, टिकाऊ कृषि, पर्यटन और जल संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भारत-स्कॉटलैंड सहयोग शामिल था।

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