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कूटनीतिक मोर्चे पर India की बड़ी जीत, संरा ने पाकिस्तानी आतंकी Abdul Rehman Makki को ‘वैश्विक आतंकवादी’ किया घोषित

संयुक्त राष्ट्रः पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के मोर्चे पर भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है। चीन द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख मक्की को काली सूची.

संयुक्त राष्ट्रः पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के मोर्चे पर भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है। चीन द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख मक्की को काली सूची में डालने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव में अडंगा लगाने से पीछे हटने के बाद सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति को सर्वसम्मति से मक्की को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को 68 वर्षीय मक्की को घोषित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया। इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्र और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। इसके लिए भारत और उसके सहयोगी देश सालों से प्रयास कर रहे थे।

पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन द्वारा 16 जून, 2022 को जेयूडी/एलईटी के राजनीतिक मामलों के प्रमुख और लश्कर प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद के रिश्तेदार मक्की को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल करने के भारत और अमेरिका के एक संयुक्त प्रस्ताव पर रोक लगाए जाने के सात महीने बाद ऐसा हुआ है। किसी व्यक्ति या संगठन को 1267 प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने का फैसला सर्वसम्मति से लिया जाता है। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने अलकायदा प्रतिबंध समिति बनाई है जिसमें बतौर स्थायी सदस्य वीटो का अधिकार रखने वाला चीन एकमात्र देश था जिसने मक्की को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को बाधित किया था।

पिछले साल जून में भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर चीन द्वारा रोक लगाए जाने के बाद 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को सूचीबद्ध करने पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई थी। समिति के दिशानिर्देश के अनुसार, कोई सदस्य निर्णय पर रोक लगाकर किसी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए अधिक समय का अनुरोध कर सकता है। किसी मामले पर रोक की वैधता की अवधि में उस मामले पर निर्णय ‘‘लंबित’’ माना जाएगा। समिति के जिस सदस्य ने रोक लगाई है उसे लंबित मामले के समाधान की दिशा में प्रगति पर तीन महीने बाद अद्यतन जानकारी देनी होती है।

अगर किसी प्रस्ताव पर रोक हटा ली जाती है तो संयुक्त राष्ट्र सचिवालय तुरंत इसकी सूचना आईएसआईएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति को देगा और समिति के फैसले के बारे में संबंधित सदस्य देशों को सूचित करेगा। लेकिन अब चीन द्वारा रोक हटाए जाने के बाद मक्की को अंतत: यूएनएससी प्रतिबंध समिति द्वारा एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है। चीन पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के भारत एवं उसके सहयोगी देशों के प्रयासों को बार-बार बाधित करता रहा है। 2019 में भारत को संयुक्त राष्ट्र में तब बड़ी कूटनीतिक जीत मिली थी जब विश्व संस्था ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था, जिसके लिए भारत ने करीब एक दशक पहले संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया था। 15 देशों की संस्था में चीन ही एकमात्र वह देश था जिसने अजहर को काली सूची में डालने के प्रयास को ‘‘तकनीकी रूप से बाधित’’ किया था।

2009 में भारत ने अजहर को आतंकवादी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने भी क्रमश: 2016 और 2017 में मिलकर ऐसा प्रयास किया था लेकिन इन सभी मौकों पर चीन ने प्रतिबंध समिति में मंजूरी के लिए भारत के प्रस्ताव को बाधित किया। प्रतिबंध समिति ने मक्की का नाम इस सूची में शामिल करने का कारण बताते हुए कहा कि मक्की और अन्य लश्कर/जेयूडी के गुर्गे ‘‘धन जुटाने, भर्ती करने, युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में हमलों की साजिश रचने में शामिल रहे हैं।’’

संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मक्की ‘‘लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) उर्फ जमात-उद-दावा (जेयूडी) का डिप्टी अमीर/प्रमुख है और जेयूडी/एलईटी के राजनीतिक मामलों की शाखा का प्रमुख है। वह लश्कर के विदेश मामलों के विभाग का प्रमुख और शूरा (शासी निकाय) का सदस्य रहा है। पूर्व भारतीय राजनयिकों ने इस सूची में मक्की को शामिल किए जाने को देश की बड़ी कूटनीतिक सफलता बताया है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि मक्की का नाम सूची में शामिल किया जाना ‘‘भारतीय कूटनीति’’ के लिए एक ‘‘बड़ी सफलता’’ है।

तिरुमूर्ति ने कहा, कि ‘सुरक्षा परिषद में भारत के पहले आतंकवादी सूचीकरण प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी और आगे पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर में होने वाले आतंकवादी हमलों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा। परिषद में भारत की उपस्थिति और आतंकवाद विरोधी समिति के अध्यक्ष के रूप में सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित करने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’’ 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों को ‘‘भारत में लश्कर द्वारा सबसे दुस्साहसी हमला’’ बताते हुए समिति ने कहा कि पाकिस्तान से लश्कर के 10 आतंकवादियों ने पूर्व निर्धारित लक्षय़ों के साथ मुंबई में अरब सागर के रास्ते प्रवेश किया, जिनमें से आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया और बाकी मारे गए।

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