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बुनियादी ढांचे सही-सलामत रहने, गड्ढा नहीं बनने से पता चलता है अस्पताल पर नहीं हुआ हवाई हमला : इजरायल

यरूशलमः इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने बुधवार को कहा कि गाजा के जिस अस्पताल में मंगलवार को हुये हमले में सैकड़ों लोग मारे गये थे, वहां बुनियादी ढांचे को नुकसान न होने और गड्ढों की कमी से साबित होता है कि विस्फोट हवाई हमले के कारण नहीं हुआ था।रिपोर्ट के अनुसार, आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अल-अहली अस्पताल में मंगलवार को हुए घातक विस्फोट के बाद की तस्वीरों से पता चलता है कि वहां ‘कोई गड्ढा नहीं है और आसपास की इमारतों को कोई संरचनात्मक क्षति नहीं हुई है‘।

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उन्होंने कहा, कि ‘यहां कोई क्रेटर नहीं हैं। दीवारें बरकरार हैं. इससे पता चलता है कि पार्कगिं स्थल पर गिरने वाला कोई हवाई गोला-बारूद नहीं था। हमारे हवाई फ़ुटेज के वेिषण से पुष्टि होती है कि अस्पताल पर कोई सीधा हमला नहीं हुआ था। ‘क्षतिग्रस्त एकमात्र स्थान अस्पताल के बाहर पार्कगिं स्थल है जहां हम जलने के निशान देख सकते हैं।‘ आईडीएफ द्वारा एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करने के तुरंत बाद हगारी ने यह टिप्पणी की। वीडियो में गाजा अस्पताल में हुये घातक विस्फोट दिखाने वाले कई शॉट्स शामिल थे और कहा गया था कि ‘इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन द्वारा एक मिसफायर रॉकेट लॉन्च ने गाजा शहर के अल अहली अस्पताल को निशाना बनाया‘।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में हगारी ने कहा कि आईडीएफ वेिषण ने पुष्टि की है कि रॉकेट अस्पताल के करीब से दागे गए थे, उन्होंने कहा कि अधिकांश प्रणोदक (रॉकेट ईंधन) अभी भी दिखाई दे रहा था क्योंकि रॉकेट का प्रक्षेप पथ छोटा था। उन्होंने आगे कहा कि हमास आतंकवादी समूह को पता चल चुका था कि विस्फोट इस्लामिक जिहाद के एक मिसफायर रॉकेट के कारण हुआ था, लेकिन उसने इज़राइल को दोषी ठहराने के लिए एक ‘वैश्विक मीडिया अभियान‘ चलाया। उन्होंने कहा, ‘वे हताहतों की संख्या को बढ़ाने तक चले गए। वे पूरी निश्चितता से समझ गए कि यह इस्लामिक जिहाद द्वारा छोड़ा गया एक रॉकेट था जिसने अस्पताल को नुकसान पहुंचाया।

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‘हमास के विपरीत, आईडीएफ ने हमले की तत्काल जांच शुरू की।‘ हगारी ने यह भी कहा कि आईडीएफ के पास रॉकेट मिसफायरिंग पर चर्चा करने वाले ‘आतंकवादियों के बीच संचार‘ की खुफिया जानकारी थी, जिसमें अस्पताल का उल्लेख भी शामिल था। रिपोर्ट के अनुसार, आईडीएफ ने कथित तौर पर हमास के दो गुर्गों के बीच बातचीत का ऑडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने अस्पताल के पास एक कब्रिस्तान से रॉकेट लॉन्च करने की बात कहीं। ऑडियो में, एक गुर्गे को यह कहते हुए सुना जा सकता है: ‘वे कह रहे हैं कि मिसाइल के छर्रे स्थानीय छर्रे हैं और इजरायली छर्रे की तरह नहीं हैं।‘

हगारी ने कहा कि इजराइल पर दागे गए रॉकेटों का विफल रहना और हताहत होना आम बात है। ‘हमने लगभग 450 रॉकेटों की गिनती की है जो इस युद्ध के दौरान पूरी दूरी तय नहीं सके और गाजा में गिर गए।‘ हागारी ने कहा, ‘अधिकतम पारदर्शतिा‘ की भावना में, आईडीएफ अमेरिका सहित अन्य लोगों के साथ अपने साक्ष्य साझा कर रहा है।

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