26 जनवरी को विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय कस्टम्स दिवस मनाया जाता है। यह दिन कस्टम्स अधिकारियों के महत्व को पहचानने और कस्टम्स विभाग की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए समर्पित होता है। कस्टम्स नीतियां देशों की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये न केवल व्यापारिक गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
चीन, जो विश्व का एक प्रमुख व्यापारिक और आर्थिक शक्ति है, ने अपने कस्टम्स नीतियों और प्रक्रियाओं को लगातार सुधारने और अनुकूलित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चीन की कस्टम्स नीतियां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को आसान बनाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
चीन, जो अपने विविध परिदृश्यों, समृद्ध इतिहास और जीवंत संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, हाल के वर्षों में एक महत्वपूर्ण चुनौती से निपटने के लिए काम कर रहा है – विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना। अब, अपनी सीमाओं को फिर से खोलने के साथ, चीन की सरकार देश की यात्रा को वैश्विक यात्रियों के लिए अधिक आकर्षक और सुलभ बनाने के लिए उपाय कर रही है। 29 सितंबर, 2023 को, राज्य परिषद ने पर्यटन उद्योग के उच्च-गुणवत्ता वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों पर एक नोटिस जारी किया (जिसे आगे उपायों के रूप में संदर्भित किया गया है) जिसका उद्देश्य विदेशी पर्यटकों को रोकने वाली कुछ प्रमुख बाधाओं को दूर करना है। ये उपाय सुरक्षा चिंताओं, वीज़ा जटिलताओं और देश की अनूठी भुगतान प्रणालियों को लक्षित करते हैं जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों के लिए चुनौतियाँ पेश करते हैं।
विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चीन की अनेक योजनाएं है जैसे:
1. कस्टम्स प्रक्रियाओं का सरलीकरण
चीन ने अपनी कस्टम्स प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। “चीन कस्टम्स स्मार्ट” (China Customs Smart) जैसी पहल के तहत, कस्टम्स क्लीयरेंस प्रक्रियाओं को डिजिटल और ऑटोमेटेड किया गया है। इससे व्यापारियों और पर्यटकों के लिए सीमा शुल्क प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो गई है। अब व्यापारियों को कम समय में अपने माल का निपटान करने की सुविधा मिलती है, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देता है।
2. ‘बेल्ट एंड रोड’ इनिशिएटिव और कस्टम्स सुधार
चीन का “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” (Belt and Road Initiative) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक बड़ा कदम है। इस पहल के तहत चीन ने न केवल अपनी कस्टम्स नीतियों को अनुकूलित किया है, बल्कि देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कस्टम्स सहयोग बढ़ाया है। कस्टम्स अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल और सूचनाओं का आदान-प्रदान, सीमा शुल्क प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाता है, जिससे व्यापारिक बाधाएं कम होती हैं।
3. पर्यटन को बढ़ावा देने के उपाय
चीन ने पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कस्टम्स नीतियों में सुधार किया है। चीन ने विशेष रूप से उन देशों के नागरिकों के लिए आसान वीजा नीति और कस्टम्स प्रक्रियाएं लागू की हैं, जो पर्यटन के लिए चीन आना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त, चीन में पर्यटकों के लिए टैक्स रिफंड की सुविधा, कस्टम्स क्लियरेंस में तेज़ी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग जैसे उपायों से पर्यटकों को अधिक आकर्षित किया जा रहा है।
4. कस्टम्स और व्यापार सुरक्षा
चीन की कस्टम्स नीतियां व्यापार की सुरक्षा और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण हैं। विभिन्न देशों के साथ व्यापार करते समय, कस्टम्स नीतियों के माध्यम से चीन ने अपने व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। यह न केवल व्यापारिक संचार को प्रभावी बनाता है, बल्कि चीन को एक विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार भी बनाता है।
5. चीन के “वन बेल्ट, वन रोड” और कस्टम्स डेटा शेरिंग
चीन ने कस्टम्स डेटा शेयरिंग की प्रक्रिया को और मजबूत किया है, जो न केवल व्यापारिक प्रक्रियाओं को तेज करता है, बल्कि देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देता है। यह पहल विभिन्न देशों के कस्टम्स अधिकारियों के बीच सहयोग बढ़ाती है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पारदर्शिता बढ़ती है और व्यापारियों को विश्वसनीय और सुरक्षित व्यापार करने का अवसर मिलता है।
अंतर्राष्ट्रीय कस्टम्स दिवस पर, हम यह समझ सकते हैं कि चीन की कस्टम्स नीतियों और सुधारों ने न केवल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दिया है, बल्कि पर्यटन क्षेत्र को भी गति दी है। इन सुधारों के माध्यम से चीन ने न केवल अपने व्यापारिक रिश्तों को मजबूत किया है, बल्कि वैश्विक आर्थिक क्षेत्र में अपनी स्थिति को भी सुदृढ़ किया है। अन्य देशों को भी चीन के इस मॉडल से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने कस्टम्स सुधारों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा दे सकें।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) (लेखक—देवेंद्र सिंह)