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Nobel पुरस्कार विजेता डेविड ग्रॉस के साथ साक्षात्कार

16 जुलाई को पहला अंतर्राष्ट्रीय बुनियादी विज्ञान सम्मेलन पेइचिंग में आयोजित हुआ, जिसका प्रमुख विषय है “बुनियादी विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करें और मानव जाति के भविष्य का नेतृत्व करें।” सम्मेलन में 300 से अधिक विदेशी वैज्ञानिकों और प्रसिद्ध विद्वानों ने भाग लिया। भौतिकी में नोबेल पुरस्कार विजेता, अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सदस्य, चीनी विज्ञान अकादमी के विदेशी शिक्षाविद, 83 वर्षीय डेविड ग्रॉस उनमें से एक हैं।
डेविड ग्रॉस ने कहा कि मैं लगभग 25 वर्षों से साल में कम से कम एक बार चीन आता रहा हूं। मेरा एक संदेश बुनियादी विज्ञान का महत्व है। वैज्ञानिक समझते हैं कि केवल प्राकृतिक सिद्धांतों को समझने और नई घटनाओं की खोज में प्रगति करने से ही वास्तव में नवीन व्यावहारिक विज्ञान और नई प्रौद्योगिकियाँ सामने आ सकती हैं। इसे ही हम बुनियादी विज्ञान कहते हैं।
उन्होंने कहा कि बीस साल पहले चीन और अन्य विकासशील देशों में इस बात पर बहस चल रही थी कि हमें बुनियादी विज्ञान पर पैसा खर्च करना चाहिए या तात्कालिक समस्याओं के समाधान पर। क्योंकि बुनियादी विज्ञान की लागत कम नहीं है, अन्य जरूरतें भी जरूरी हैं। बुनियादी विज्ञान से लाभ कई वर्षों तक नहीं मिलता है। मुझे लगता है कि हमने वह तर्क जीत लिया है और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अब सर्वसम्मति व्यक्त की है कि बुनियादी विज्ञान बिल्कुल आवश्यक है।चीन एक समृद्ध और शक्तिशाली देश बन रहा है, और चीन को बुनियादी विज्ञान में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए, इसलिए मैं चीन के दृष्टिकोण की सराहना करता हूं।
साक्षात्कार के दौरान प्रोफेसर ग्रॉस ने कहा कि वह चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास से बहुत प्रभावित हैं।उन्होंने समकालीन युवाओं को वैज्ञानिक अन्वेषण के प्रति जिज्ञासा और उत्साह बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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