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थाई राजकुमारी महाचक्री सिरींधोर्न के साथ साक्षात्कार

चाइना मीडिया ग्रुप ने हाल में पेइचिंग में थाईलैंड की राजकुमारी महाचक्री सिरिंधोर्न के साथ साक्षात्कार किया। यह उनकी 50वीं चीन यात्रा है। इस मौके पर महाचक्री सिरिंधोर्न ने कहा कि हालांकि मैं 50 बार चीन आईं, लेकिन हर बार अलग अनुभव मिलता है। चीन के हर क्षेत्र की अपनी अपनी विशेषता है, ये सब मुझे पसंद है।

बता दें कि चीन और थाईलैंड के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना वर्ष 1975 में हुई थी। अपनी माता जी के कहने पर राजकुमारी महाचक्री सिरिंधोर्न ने चीनी भाषा सीखना शुरू किया और चीन के साथ अटूट रिश्ता बनाया। मई 1981 में राजकुमारी महाचक्री सिरिंधोर्न ने पहली बार चीन की यात्रा की, जो चीन का दौरा करने वाले थाई शाही परिवार की पहली सदस्य बनीं।

साक्षात्कार में महाचक्री सिरिंधोर्न ने कहा कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान विभिन्न देशों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्हें आशा है कि थाईलैंड के और अधिक युवा लोग चीन में अध्ययन करेंगे। दोनों देशों के युवाओं के बीच आपसी सीख महत्वपूर्ण बात है। युवा ज्ञान सीखने के साथ दोस्त भी बना सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि बेल्ट एंड रोड पहल का बड़ा महत्व है। इसके तहत चीन-लाओस-थाईलैंड रेलवे का निर्माण किया गया। रेलवे पर यातायात शुरू होने के बाद थाईलैंड के फलों की बिक्री में बड़ा इजाफा हुआ। रेलवे के निर्माण से आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी और थाईलैंड व चीन के बीच आर्थिक आदान-प्रदान अधिक होगा।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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