इंटरनेशनल डेस्क : इजरायल और हमास के बीच सीजफायर का मामला लगातार अटकता जा रहा है। इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। दोनों पक्षों के बीच कतर भी मध्यस्थता कर रहा है। कतर की ओर से सीजफायर को लेकर जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें हमास ने कुछ बदलाव किए हैं। इजरायल को ये बदलाव मंजूर नहीं हैं, जिनकी वजह से उनको मानने से इनकार कर दिया गया है।
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से वार्ताकारों की एक टीम कतर भेजी गई है। यही टीम संघर्ष विराम प्रस्ताव को लेकर बात करेगी। रविवार से नेतन्याहू भी अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं। वे वाशिंगटन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता करेंगे। इस दौरान गाजा और ईरान के मुद्दों के अलावा हमास के साथ सीजफायर को लेकर चर्चा हो सकती है।
इससे पहले शुक्रवार को हमास ने अमेरिका और इजरायल के उस प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसमें फैसले के दो महीने में आधे जीवित और आधे मृत इजरायली बंधकों के लौटाने की बात थी। सभी की रिहाई 5 चरणों में होनी प्रस्तावित है। हमास चाहता है कि संघर्ष विराम को लेकर बातचीत जारी रहे। समझौते में 3 मुख्य बदलाव किए जाएं। आईडीएफ तनाव से पहले की स्थिति में लौट जाए और गाजा में राशन की आपूर्ति को फिर से बहाल किया जाए।
इजरायल ने एक भी मांग को मानने से मना कर दिया है। इजरायल का प्रतिनिधिडल रविवार को दोहा पहुंचा है, जो आगे बातचीत जारी रखने के लिए राजी है। वहीं, बंधकों के परिजनों ने अपनों की रिहाई को लेकर समझौता किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। इजरायल ने ये भी स्पष्ट नहीं किया है कि उसे कौन सी मांग स्वीकार है और कौन सी नहीं? बंधकों के परिजन चाहते हैं कि चरणों में रिहाई से अस्थिरता का माहौल बनेगा। यह उनके लिए कष्टदायी होगा।