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शिनच्यांग, तिब्बत और हांगकांग से संबंधित मुद्दे मानवाधिकार के मुद्दे नहीं हैं : China

हाल ही में 38वां चीन-यूरोप मानवाधिकार संवाद आयोजित हुआ। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने 20 फरवरी को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में संबंधित सवालों के जवाब में कहा कि संवाद के दौरान, चीनी पक्ष ने मानवाधिकारों की चीन की जन-केंद्रित अवधारणा का गहराई से परिचय दिया है।

उन्होंने परिचय देते हुए कहा कि चीन ने यूरोपीय पक्ष से चीन के मानवाधिकारों के विकास को निष्पक्ष रूप से देखने, मानवाधिकार मुद्दों का राजनीतिकरण और दोहरा मापदंड बंद करने, और चीन की न्यायिक संप्रभुता का सम्मान करने का अनुरोध किया। प्रवक्ता के मुताबिक, संवाद में चीन ने कहा कि शिनच्यांग, तिब्बत और हांगकांग से संबंधित मुद्दे मानवाधिकार के मुद्दे नहीं हैं, लेकिन चीन की संप्रभुता, स्वतंत्रता और प्रादेशिक अखंडता से संबंधित प्रमुख सैद्धांतिक मुद्दे हैं और इनमें किसी बाहरी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है। चीन ने यूरोपीय पक्ष से चीन की चिंताओं पर गंभीरता से ध्यान देने, चीन के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं से जुड़े मुद्दों पर कथनी और करनी में सतर्क रहने का आग्रह किया।

वांग वनपिन ने कहा कि चीनी और यूरोपीय पक्षों का मानना ​​है कि मौजूदा संवाद स्पष्ट और गहन है। हालांकि मानवाधिकार के मुद्दों पर अभी भी दोनों पक्षों के बीच व्यापक मतभेद हैं। इन मतभेदों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। संवाद और आदान-प्रदान के माध्यम से समझ बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए, और मतभेदों को रचनात्मक रूप से संभालना चाहिए। दोनों पक्षों ने महिलाओं और बच्चों के अधिकारों व हितों के संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमति प्राप्त की।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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