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देश और जनता के बीच पुल के रूप में कार्य करते पत्रकार

 

हर वर्ष 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार दिवस​​​​ मनाया जाता है। इस दिवस की स्थापना का उद्देश्य दुनिया भर के पत्रकारों की एकता को मजबूत करने, कड़ी मेहनत करने, ईमानदारी से रिपोर्ट करने और सच्ची रिपोर्ट लिखने, बुरे लोगों और बुरी चीजों का मुकाबला करने और विश्व शांति की रक्षा करने के लिए प्रेरित करना है।

बता दें कि चेकोस्लोवाकिया के नायक, कम्युनिस्ट और पत्रकार जूलियस फूसिक की 8 सितंबर, 1943 को जर्मन फासीवादियों ने हत्या कर दी थी। इसलिए 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार दिवस के रूप में स्थापित किया गया था।
हालाँकि युद्ध के काल बीत चुके हैं, फिर भी हर दिन विभिन्न समाचार होते रहते हैं। चाहे पेपर मीडिया का युग हो या लगातार बदलते नए मीडिया का युग, समाचार हमारे लिए दुनिया को समझने की एक महत्वपूर्ण खिड़की है। हर रिपोर्ट के पीछे पत्रकारों का एक समूह है।

उदाहरण के लिए, हर गर्मियों में चीन के कुछ क्षेत्र बाढ़ और तूफ़ान से प्रभावित होते हैं। बाढ़ से निपटने के स्थल पर, पत्रकार हर मार्मिक दृश्य को रिकॉर्ड करते हैं, तूफान के दौरान, पत्रकार भारी बारिश में भी हर पल को रिकॉर्ड करते हैं। टीवी, मोबाइल फोन, रेडियो और इंटरनेट पर जो मार्मिक दृश्य हम देखते हैं उसके पीछे पत्रकारों की कड़ी मेहनत और पसीना है।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस की रिपोर्ट में कहा गया कि “चीन की कहानी अच्छे से बताएं, चीन की आवाज अच्छे से फैलाएं और चीन की एक विश्वसनीय, प्यारी और सम्मानजनक छवि पेश करें।” जब इंटरनेट दुनिया को एक साथ जोड़ता है, तो दुनिया चीन को सर्वांगीण तरीके से समझ सकती है और चीन को दुनिया को समझने का अवसर भी मिलता है। इस के दौरान, पत्रकार एक पुल की भूमिका निभाते हैं और आज दुनिया के लिए चीन को समझने के लिए एक “खिड़की” बन गए हैं।

(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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