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“खाऊ गली” बनाम “मेईशी चिए”

कहा जाता है कि यदि किसी देश को जानना है तो वहाँ की गलियों में घूमो और स्थानीय भोजन का स्वाद चखो । कल्पना कीजिए कि देश भर के कोने कोने के स्वादिष्ट व्यंजन आपको एक ही जगह मिल जाए, वो भी एक गली में । सभी देशों में ऐसी कुछ जगहें होती हैं जहां आप उस पूरे देश के स्वाद को पहचान सकते हैं और उसका असल ज़ायक़ा समझ सकते हैं। हम बात कर रहे हैं फ़ूड स्ट्रीट्स की । इस संदर्भ में अगर हम भारत की बात करें तो लगभग हर शहर में एक फ़ूड स्ट्रीट है जैसे दिल्ली की पराँठे वाली गली, जयपुर की चटोरी गली, मुंबई की खाऊ गली, अहमदाबाद की भुक्खड़ गली और बनारस की कचौड़ी गली। वहीं यदि हम पड़ोसी देश चीन की बात करें तो यहाँ भी खाऊ गलियों की भरमार है, इन गलियों को चीनी भाषा में “मेईशी चीए” कहा जाता है

भारत हो या चीन दोनों देशों में इन गलियों की ख़ासियत एक जैसी है। एक सामान्य चौड़ाई वाली गली, उस गली के दोनों ओर पकवानों की लम्बी क़तार और हवा में घुली पकवानों की खुशबू । ऐसा कहा जा सकता है कि शहर की इन तंग गलियों में ज़ायक़े का बाज़ार सज़ा होता है।

भारत की खाऊ गलियाँ जहां चाट, पकौड़ी, समोसे, रोल्स और छोले भटूरों से भरी रहती हैं वहीं चीन की फ़ूड स्ट्रीट्स में भी पूरे चीन का स्वाद बसता है। चीन की फ़ूड स्ट्रीट्स में छो तोफ़ु, लो सू फ़न, सौ जुवा जी, खाओ लंग मियें, जू थोय और मी सियेंन जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों की लम्बी क़तारें होती हैं। आमतौर पर फूड स्ट्रीट्स घुमक्कड़ी पसंद लोगों की लिस्ट में सबसे ऊपर होती हैं और फ़ूड लवर्स के लिए ये फ़ूड स्ट्रीट्स किसी जन्नत से कम नहीं है। कम पैसों में लज़ीज़ पकवान खाकर पेट के साथ दिल भी ख़ुश होगा।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप , पेइचिंग)

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