इंटरनेशनल डेस्क : चीन के थाईवान क्षेत्र के नेता लाई छिंगते अकसर लोकतंत्र की चर्चा करते हैं ,लेकिन उन की कार्रवाई एकदम लोकतंत्र के विरुद्ध है। हाल ही में एक भाषण में उन्होंने तथाकथित थाईवानी स्वतंत्रता की कार्रवाई योजना सार्वजनिक की और दावा किया कि थाईवान एक प्रभुता संपन्न लोकतांत्रिक देश है और इसके लिए 17 रणनीतियां भी पेश कीं। उनका इरादा दोनों तटों के आदान-प्रदान को पूरी तरह काट देना और थाईवान को पिछली सदी में मार्शल लॉ जैसे काल में धकेलना है। इस बार पूरे विश्व ने लाई छिंगते का लोकतंत्र के बजाय निरंकुश शासन लागू करने का तमाशा देखा है।
लोकतंत्र जन-अधिकार के लिए है। शांति, विकास, आदान-प्रदान व सहयोग थाईवान में जन-इच्छा की मुख्य धारा है। थाईवानी मीडिया द्वारा वर्ष 2024 में जारी सर्वे के अनुसार थाईवान के 87 प्रतिशत लोगों का विचार है कि दोनों तटों के लोगों को संपर्क बनाए रखने की जरूरत है। हाल ही में पेइचिंग में आयोजित दो सम्मेलन में थाईवान प्रांत के अनेक जन प्रतिनिधियों ने कहा कि मूख्य भूमि में अपार अवसर हैं और थाईवानी युवा बहुत कुछ कर सकते हैं। लेकिन पिछली मई में सत्ता में आने के बाद लाई छिंगते प्रशासन ने प्रशासनिक, विधिक तथा लोकमत आदि उपायों से दोनों तटों की आवाजाही को रोकने की पूरी कोशिश की। हाल ही में लाई छिंगते प्रशासन ने विभिन्न बहानों से फुच्येन और शांगहाई के नागरिकों की सामूहिक यात्रा से बहिष्कार किया और थाईवान तथा मुख्य़ भूमि के दस विश्वविद्यालयों के सहयोग पर प्रतिबंध लगाया। थाईवानी मीडिया ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि लाई छिंगते के तथाकथित स्वतंत्रता अनुसरण की कुचेष्टा से दोनों तटों के आदान-प्रदान में पीछे की ओर बड़े कदम का युग आ गया है।
उल्लेखनीय बात है कि लाई छिंगते की 17 रणनीतियों में फौजी सुनवाई व्यवस्था की बहाली भी शामिल है। इसका उद्देश्य थाईवान में सैन्य धौंस से तानाशाही सत्ता लागू करना है, जिसने लोगों को फासिस्ट शासन का युग याद दिलाया है। विश्लेषकों के विचार में थाईवान क्षेत्र का लोकतंत्र वास्तव में सत्ता गेम है। लाई छिंगते की मिनचिन पार्टी लोकतंत्र को अपने पार्टी के स्वार्थ के लिए एक उपकरण के रूप में बना रहा है। लेकिन ऐसा तमाशा थाईवानी जनता और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को धोखा नहीं दे सकता। उनकी जन-इच्छा और लोकतंत्र विरोधी कार्रवाई योजना निश्चित ही चूर-चूर हो जाएगी।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)