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तिब्बत के आर्थिक विकास का नया इंजन बन रहा है हल्का उद्योग

पिछले कुछ सालों से पठारीय हल्का उद्योग तिब्बत के आर्थिक विकास का नया इंजन बन रहा है। तिब्बत से बने हल्के उद्योग के अधिकाधिक उत्पाद उभर रहे हैं,जिन्हें व्यापक उपभोक्ताओं की पसंद मिली।

परिचय के अनुसार अब तिब्बत में कृषि व पशुपालन के उत्पादों के प्रसंस्करण, तिब्बती दवाई,प्राकृतिक पेयजल,अल्पसंख्यक जाति की हस्तशिल्प से केंद्रित होने वाले हल्के उद्योग के विकास की स्थिति बन गयी है। पूरे प्रदेश में इन व्यवसायों में 14 उद्यमों का उत्पादन मूल्य दस करोड़ युवान से अधिक है। इस जनवरी से इस मई तक प्राकृतिक पेयजल उद्योग का कुल मूल्य 36 करोड़ 80 लाख युवान रहा, जो पिछले साल की समान अवधि से 7.4 प्रतिशत बढ़ा। तिब्बती दवाई व्यवसाय का कुल उत्पादन मूल्य 1 अरब 43 करोड़ 70 लाख युवान रहा ,जो पिछले साल की समान अवधि से 19.7 प्रतिशत बढ़ा।

हल्के उद्योग के विकास के दौरान तिब्बत ने पठारीय जौ से बना भोजन,स्नैक्स,बियर और वाइन समेत 80 से अधिक उत्पादों का विकास किया। तिब्बत में तिब्बती धूप,परंपरागत चित्र थांग खा, तिब्बती शैली के फर्नीचर, तिब्बती कंबल, काष्ठ नक्काशी आदि तीस से अधिक विशिष्ट हस्तशिल्प कलाएं उपलब्ध हैं।

(साभार—-चाइना मीडिया ग्रुप , पेइचिंग)

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