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शी चिनफिंग और हंगरी के प्रधानमंत्री के बीच मुलाकात

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 8 जुलाई की सुबह पेइचिंग में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन के साथ मुलाकात की। इस मौके पर शी चिनफिंग ने कहा कि दो महीने पहले मैंने हंगरी की सफल राजकीय यात्रा की। हमने चीन-हंगरी संबंधों को नये युग में सभी मौसमों के अनुरूप चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया। इससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ को नया ऐतिहासिक महत्व दिया गया और द्विपक्षीय संबंधों के उच्च स्तरीय विकास में मजबूत शक्ति का संचार किया गया। अगले हफ्ते 20वीं सीपीसी केंद्रीय समिति का तीसरा पूर्णाधिवेशन पेइचिंग में आयोजित होगा।

चीन सुधार को और व्यापक रूप से गहरा करेगा और उच्च गुणवत्ता वाले विकास व उच्च स्तरीय खुलेपन को बढ़ावा देगा। यह चीन और हंगरी के बीच सहयोग के लिए नए अवसर और नयी जीवन शक्ति देगा। दोनों पक्षों को उच्च स्तरीय आदान-प्रदान कायम रखने के साथ आपसी राजनीतिक विश्वास और रणनीतिक संपर्क बढ़ाना होगा। इसके साथ आपसी समर्थन और विभिन्न क्षेत्रों में व्यवहारिक सहयोग मजबूत किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य बेल्ट एंड रोड का उच्च गुणवत्ता वाला समान निर्माण और चीन-हंगरी संबंधों के विषय को समृद्ध बनाना है।

शी चिनफिंग ने हंगरी को यूरोपीय संघ का वर्तमान अध्यक्ष देश बनने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि चीन और यूरोप के बीच भूराजनीतिक अंतरविरोध नहीं है और मूल हितों में मुठभेड़ भी नहीं है। चीन-हंगरी संबंधों का रणनीतिक महत्व और वैश्विक प्रभाव है। चीन और हंगरी को द्विपक्षीय संबंधों का सतत और स्वस्थ विकास कायम रहते हुए वैश्विक चुनौतियों का समान मुकाबला करना होगा। इस साल चीन और यूरोपीय संघ के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है। दोनों पक्षों को खुलेपन और सहयोग बढ़ाना चाहिए, ताकि विश्व शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि में योगदान किया जा सके। आशा है कि हंगरी यूरोपीय संघ का वर्तमान अध्यक्ष देश होने के नाते चीन-यूरोप संबंधों का स्वस्थ और सतत विकास बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा।

वहीं, ओर्बन ने कहा कि पिछले दो महीनों में हंगरी और चीन ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की हंगरी यात्रा के दौरान मिली उपलब्धियों का कार्यान्वयन किया। इससे दोनों देशों के बीच मित्रता और आपसी विश्वास ज्यादा मजबूत हो गया है और हंगरी-चीन संबंधों के विकास के लिए मजबूत आधार तैयार किया गया। बदलती अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के सामने चीन ने सिलसिलेवार रचनात्मक महत्वपूर्ण पहलें पेश कीं और अपनी कार्रवाई से साबित किया है कि चीन विश्व शांति बनाए रखने का अहम बल है। हंगरी चीन की भूमिका और प्रभाव की प्रशंसा करता है और इसपर ध्यान देता है। हंगरी चीन के साथ रणनीतिक संपर्क और सहयोग मजबूत करना चाहता है। दोनों पक्षों ने यूक्रेन संकट पर भी गहन रूप से विचार-विमर्श किया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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