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जिनेवा : 2030 सतत विकास एजेंडा और मानवाधिकार गारंटी पर बैठक आयोजित

इंटरनेशनल डेस्क : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र के दौरान, 17 मार्च को स्विट्जरलैंड के जिनेवा में “2030 सतत विकास एजेंडा और मानवाधिकार गारंटी” विषय पर बैठक आयोजित की गई। इस दौरान, अनेक चीनी और विदेशी लोगों ने सतत विकास और मानवाधिकार गारंटी, गरीबी उन्मूलन और विकास अनुभव, तथा वैश्विक मानवाधिकार शासन सहयोग जैसे विषयों पर गहन रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया। इस बैठक का आयोजन चीनी मानवाधिकार अध्ययन संघ और चीनी मानवाधिकार विकास कोष द्वारा किया गया था।

बैठक में भाग लेने वाले चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के मानव-जाति विज्ञान और मानव विज्ञान संस्थान के शोधकर्ता चोउ शाओछिंग ने कहा कि चीन प्रासंगिक नीतियों और कानूनों के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक समानता अधिकारों की रक्षा करता है। चीन का नीतिगत ढांचा, विकास प्राथमिकता अवधारणा और “साझा समृद्धि” लक्ष्य वैश्विक शासन असमानता की समस्या को हल करने के लिए महत्वपूर्ण संदर्भ प्रदान करते हैं।

वहीं, फ्रांसीसी वृत्तचित्र निर्देशक जीन-मिशेल कैरे ने कहा कि यद्यपि पश्चिमी देश लोकतंत्र और मानवाधिकारों की वकालत करते हैं, लेकिन अभिव्यक्ति और सृजन की स्वतंत्रता पर लगातार प्रतिबंध लग रहे हैं। जिस वृत्तचित्र परियोजना में उन्होंने भाग लिया था उसे जर्मन और फ्रांसीसी सार्वजनिक टेलीविजन द्वारा अनुमोदित किया गया था, लेकिन बाद में उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। चीन में उन्हें रचनात्मक स्वतंत्रता प्राप्त थी, जहां वे विभिन्न शहरों, गांवों, स्कूलों और व्यवसायों की तस्वीरें ले सकते थे। यह विरोधाभास मानवाधिकार मुद्दों पर पश्चिमी देशों के दोहरे मानदंडों तथा मानवाधिकारों की अवधारणा के राजनीतिकरण पर प्रकाश डालता है। 

उधर, चीन तिब्बतोलॉजी अनुसंधान केंद्र के धर्म संस्थान की एसोसिएट शोधकर्ता स्वोलांग च्वोमा ने अपने अनुभव के आधार पर तिब्बत में आवासीय शिक्षा को परिचय दिया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा मॉडल तिब्बत की वास्तविक स्थिति के अनुरूप है और स्थानीय बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर प्रदान करता है। यह न केवल तिब्बती लोगों के शिक्षा के अधिकार की प्रभावी रूप से रक्षा करता है और शैक्षिक समानता सुनिश्चित करता है, बल्कि राष्ट्रीय संस्कृति की विरासत और विकास को बढ़ावा देने में भी सकारात्मक भूमिका निभाता है।

इनके अलावा, बैठक में शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश के कला संस्थान के शिक्षक नीलूबाई एर्ती ने कहा कि एक चीनी कहावत है कि “महिलाएं आधा आकाश संभालती हैं”। यह आधुनिक शिनच्यांग में महिलाओं की स्थिति का सच्चा प्रतिबिंब है, और यह दुनिया भर की महिलाओं को समान अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करती है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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