हाल ही में, इंडियन यूथ लीडर्स फेडरेशन के दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चीन का दौरा किया, उन्होंने पेइचिंग और थ्येनचिन दोनों शहरों की यात्रा की। यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने चीन समकालीन अंतर्राष्ट्रीय संबंध संस्थान, पेइचिंग में विभिन्न समुदायों, पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय युवा प्रशिक्षण संस्थान, चीनी नई ऊर्जा उद्यमों और अन्य इकाइयों का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल की चीन यात्रा में सतत विकास, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार, सांस्कृतिक विरासत और नवाचार जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया और भविष्य के मैत्रीपूर्ण सहयोग और विकास पर विभिन्न क्षेत्रों के चीनी कर्मियों के साथ गहन आदान-प्रदान किया गया।
भावी सहयोग के बारे में भारतीय युवा प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख अंजू यादव ने कहा कि भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में युवा एक महत्वपूर्ण शक्ति हैं। उन्हें आशा है कि भविष्य में, शैक्षिक आदान-प्रदान और शैक्षिक सहयोग के माध्यम से, दोनों देशों के युवा दोनों पक्षों के इतिहास और संस्कृति को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और लोगों के बीच आपसी विश्वास को और बढ़ा सकेंगे।
वहीं, व्यावहारिक सहयोग की बात करते हुए, प्रतिनिधिमंडल के सदस्य आदित्य शर्मा ने कहा कि चीन ने कम समय में उल्लेखनीय विकास उपलब्धियां हासिल की हैं। ब्रिक्स और शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्यों के रूप में, भारत और चीन को अर्थव्यवस्था, विनिर्माण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना चाहिए, दोनों देशों के उच्च गुणवत्ता वाले विकास को संयुक्त रूप से बढ़ावा देना चाहिए और दुनिया में एशिया के प्रभाव को बढ़ाना चाहिए।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का कहना है कि समृद्ध और रंगीन आदान-प्रदान गतिविधियों के माध्यम से, चीन के बारे में उनकी समझ बढ़ी है और वे भारत-चीन सहयोग में भाग लेने के लिए प्रेरित हुए हैं। स्वदेश लौटने के बाद वे अपने-अपने क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने में योगदान देने की आशा रखते हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)