Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

Nawaz Sharif लंदन से लौटेंगे और चुनावी अभियान की करेंगे निगरानी : गृह मंत्री Rana Sanaullah

इस्लामाबादः पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ आम चुनाव के लिए तैयारियां शुरू होने पर जल्द ही लंदन से लौटेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाले विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के ‘‘भरसक प्रयासों’’ के बावजूद राजनीतिक रूप से अहम पंजाब प्रांत में चुनाव 14 मई को नहीं होंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि अभी लंदन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ लौटेंगे और पीएमएल-एन के चुनावी अभियान की निगरानी करेंगे।

नवाज (73) चिकित्सीय उपचार के लिए नवंबर 2019 से लंदन में रह रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें सजा में चार सप्ताह का विराम दिया था। वह लंदन जाने से पहले अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की सजा काट रहे थे। पाकिस्तान की राजनीति में प्रांतीय चुनाव कराने का मुद्दा छाया हुआ है। इमरान खान पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में मध्यावधि चुनाव कराने पर जोर दे रहे हैं। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने पंजाब में आठ अक्टूबर तक चुनाव स्थगित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को पांच अप्रैल को ‘‘असंवैधानिक’’ करार दिया था तथा प्रांत में चुनाव के लिए 14 मई की तारीख तय की थी।

खबराें के मुताबिक, देश में चुनाव की तारीखों पर विचार किए जाने के बीच सनाउल्लाह ने रविवार को कहा कि पंजाब असेंबली के चुनाव विपक्षी पीटीआई के ‘‘भरसक प्रयासों’’ के बावजूद 14 मई को नहीं होंगे। उन्होंने फैसलाबाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि देशभर में चुनाव इस साल निर्धारित समय पर होंगे। उन्होंने कहा, कि ‘अगर मई में चुनाव नहीं हुए तो अक्टूबर भी ज्यादा दूर नहीं है।’’ पूर्व प्रधानमंत्री खान को ‘‘फि़तना’’ (फसाद) बताते हुए सनाउल्लाह ने कहा कि उन्हें ‘‘साजिश के तहत’’ सत्ता में लाया गया था।

उन्होंने कहा, कि ‘चार साल तक उनकी (पीटीआई) नीतियों ने देश के लिए संकट की स्थिति पैदा कर दी।’’ पीएमएल-एन नेता ने कहा कि खान दावा करते थे कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जाने के बजाय खुदकुशी करना चुनेंगे। उन्होंने कहा, कि ‘इमरान खान सरकार ही थी जिसने आईएमएफ से समझौता किया न कि हमने। पूर्व की सरकार के समझौते के कारण मुश्किलें पैदा हुई हैं।’’

Exit mobile version