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छांगअ-5 द्वारा मिली चंद्र मिट्टी में बाहरी चट्टान मलबे का अनुसंधान में नई प्रगति हुई

चीनी विज्ञान अकादमी के भू-रसायन संस्थान की अनुसंधान टीम ने चीनी चांद डिटेक्टर छांगअ-5 द्वारा एकत्रित चंद्र मिट्टी के नमूने का अनुसंधान किया और 2 अरब साल पुरानी चंद्र बेसाल्ट भू-वैज्ञानिक इकाई पर बाहरी चट्टान मलबे की हानिकारक संरचना प्राप्त की। उन्होंने चंद्र भूपटल विशेष रॉक मलबा प्राप्त किया है। साथ ही, उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि चंद्रमा पर अभी भी अज्ञात भूवैज्ञानिक इकाइयां मौजूद हैं। हाल ही में इस अनुसंधान कार्य को “नेचर-एस्ट्रोनॉमी” के ग्रहीय विज्ञान जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

चीनी विज्ञान अकादमी के भू-रसायन संस्थान की अनुसंधान टीम ने चंद्र मिट्टी के 3000 से अधिक कण का विश्लेषण करके आग्नेय चट्टान के इन सात मलबे की पहचान की है, जो छांगअ-5 द्वारा मिली टाइटेनियम बेसाल्ट से अलग हैं। यह अनुसंधान कार्य ने 2 अरब साल पहले चंद्रमा पर युवा बेसाल्ट इकाइयों पर बाहरी चट्टान मलबे की संरचना के बारे में जानकारी पहली बार से प्राप्त की है। साथ ही चंद्रमा की पपड़ी के विशेष चट्टान के टुकड़े को खोज की गयी है। यह चंद्रमा की पपड़ी की संरचनागत विविधता और मैग्मा गतिविधियों की विविधता को प्रकट करने के लिए साक्ष्य प्रदान करता है। इसके अलावा अनुसंधान इंगित करता है कि चंद्रमा पर अभी भी अपरिचित भूवैज्ञानिक इकाइयां मौजूद हैं। यह भविष्य के चंद्र नमूने या रिमोट सेंसिंग अन्वेषण मिशनों की योजना बनाने के लिए वैज्ञानिक सहायता प्रदान करने की उम्मीद है।

पता चला है कि बाहरी चट्टान मलबे के अलावा, हाल ही में अनुसंधान टीम ने छांगअ-5 की चंद्र मिट्टी में नए चंद्र खनिजों, चंद्र विशेष प्रभाव स्पटरिंग और संदिग्ध क्षुद्रग्रह अवशेषों की भी खोज की है। उन्होंने इन पदार्थों पर विश्लेषणात्मक अध्ययन किया। यह चंद्र भूवैज्ञानिक विकास को समझने में योगदान देगा।

(साभार —  चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

 

 

 

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