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ईरान परमाणु कार्यक्रम के लिए पश्चिम को फिरौती नहीं देगा : प्रथम उपराष्ट्रपति रजा अरेफ

Nuclear Program : ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा अरेफ ने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए प्रतिबद्धता जताई। साथ ही किसी भी प्रकार की ‘फिरौती देने‘ की बात को मजबूती से खारिज कर दिया। यह जानकारी ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी ने दी।

ईरान के परमाणु ऊर्ज संगठन की यात्रा के दौरान, अरेफ ने स्नैपबैक तंत्र (प्रतिबंध) को सक्रिय करने की पश्चिमी धमकियों की आलोचना की, जो तेहरान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की बात कर रहा है। उन्होंने ‘शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों‘ को जारी रखते हुए ‘क्रूर प्रतिबंधों‘ को हटाने के लिए ‘रचनात्मक बातचीत‘ पर जोर दिया।

एक समाचार एजेंसी ने बताया कि अरेफ ने 2015 की संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) में फिर से शामिल होने के लिए तत्परता दिखाई है। उनका कहना है कि ईरान शामिल होगा यदि अन्य पक्ष भी इसका अनुपालन करते हैं। उन्होंने अपनी परमाणु गतिविधियों में ईरान की पारदर्शिता और सुरक्षा समझौते का पालन करने पर प्रकाश डाला, जो परमाणु सामग्री और प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करता है।

स्नैपबैक तंत्र पर हाल के पश्चिमी बयानों को खारिज करते हुए, अरेफ ने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाइयों से जेसीपीओए समाप्त हो जाएगा, उन्होंने कहा, ‘हमारी रणनीति कार्रवाई के बदले कार्रवाई की है।‘

ईरान ने प्रतिबंधों में राहत के बदले में अपनी परमाणु गतिविधियों पर सीमाएं तय करने पर सहमति जताते हुए 2015 में विश्व शक्तियों के साथ जेसीपीओए पर हस्ताक्षर किया था। हालांकि, अमेरिका ने इसे 2018 में वापस ले लिया और प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया, जिससे ईरान भी अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हटा। 2021 से चल रही डील को पुनर्जीवित करने की बातचीत अभी भी रुकी हुई है।

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