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35 सालों में जारी पुरानी परंपरा में नया अर्थ मौजूद

विदेश :चीन और अफ्रीका के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी और जीत-जीत वाली साझेदारी का और अधिक विकास होने की उम्मीद है”, “चीन अफ्रीका को उसकी सुरक्षा क्षमता निर्माण को मजबूत करने में समर्थन देने का वचन देता है”, “चीन अफ्रीकी देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का विरोध करता है”… चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 11 जनवरी को अफ्रीका की अपनी यात्रा समाप्त की। कई स्थानीय मीडिया ने ऐसी टिप्पणियाँ कीं।

वास्तव में, चीन के विदेश मंत्री की हर वर्ष पहली यात्रा अफ्रीका की होती है। यह परंपरा 35 वर्षों से जारी है। इस वर्ष चीन-अफ्रीका सहयोग मंच की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ ही नहीं, मंच के पेइचिंग शिखर सम्मेलन के परिणामों के कार्यान्वयन की शुरुआत भी है। ऐसी पृष्ठभूमि में, चीनी विदेश मंत्री ने वर्ष की शुरुआत में नामीबिया, कांगो (ब्राज़ाविल), चाड और नाइजीरिया का दौरा किया, जिससे न केवल चीन-अफ्रीका “नए साल का वादा” पूरा हुआ, बल्कि पेइचिंग शिखर सम्मेलन में प्राप्त परिणामों के कार्यान्वयन को भी बढ़ावा मिला। 

गत वर्ष सितंबर में आयोजित चीन-अफ्रीका सहयोग मंच के पेइचिंग शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन और अपने साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले सभी अफ्रीकी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक संबंधों के स्तर तक बढ़ाने, और चीन-अफ्रीका संबंधों की समग्र स्थिति को नये युग में सभी मौसमों के अनुरूप साझा भविष्य वाले चीन-अफ्रीका समुदाय के स्तर तक बढ़ाने की घोषणा की। इसके साथ ही, चीन ने अफ्रीका के साथ हाथ मिलाकर “छह आधुनिकीकरण” का निर्माण करने और “दस साझेदार कार्यवाहियों” के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने का प्रस्ताव दिया। 

वांग यी की मौजूदा यात्रा के दौरान, उनके साथ हुई बैठक में चारों अफ्रीकी देशों के नेताओं ने अफ्रीका के विकास के लिए चीन के समर्थन की प्रशंसा की और चीन के साथ सहयोग के लिए नई अपेक्षाएं व्यक्त कीं। उदाहरण के लिए, नामीबिया ने व्यापार, कृषि, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा संसाधन आदि क्षेत्रों में चीन के साथ सहयोग को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की। चाड ने अधिक चीनी कंपनियों के निवेश का स्वागत किया और अधिक उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पाद चीन में आने की उम्मीद जताई।

वहीं, कांगो (ब्राज़ाविल) को बुनियादी ढांचे, बिजली, कृषि, औद्योगिकीकरण आदि क्षेत्रों में चुनौतियों का तत्काल समाधान करने की आवश्यकता है। नाइजीरिया के राष्ट्रपति ने चीन के साथ सहयोग को समन्वित करने और बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से नाइजीरिया-चीन व्यापक रणनीतिक साझेदारी के महानिदेशक को नियुक्त किया। विश्लेषकों का मानना है कि चीन द्वारा अफ्रीका के साथ सहयोग का विकास किसी भी तरह से अफ्रीका पर अपनी मांगें थोपने के लिए नहीं है, बल्कि यह आपसी लाभ और जीत-जीत के सिद्धांत पर आधारित है, तथा अफ्रीका की विकास संबंधी मांगों और चिंताओं पर प्रतिक्रिया देने पर केंद्रित है।

कांगो (ब्राज़ाविल) के राष्ट्रपति डेनिस ससौ-न्गुएस्सो ने “दस साझेदार कार्यवाहियां” चीन-अफ्रीका सहयोग के सभी क्षेत्रों को कवर करती हैं, अफ्रीका के सामने आने वाली सभी चुनौतियों को लक्षित करती हैं, और अफ्रीका की आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा करती हैं, ये अफ्रीका के विकास और पुनरोद्धार के लिए ठोस समर्थन प्रदान करेंगी। एक अफ़्रीकी कहावत है, “सच्चे दोस्त वे होते हैं जो एक ही राह पर चलते हैं।” पिछले 25 वर्षों में चीन ने अफ्रीका में 100,000 किलोमीटर सड़कें, 10,000 किलोमीटर से ज़्यादा रेलमार्ग, लगभग 1,000 पुल, करीब 100 बंदरगाह बनाने में मदद की है, जिससे अफ्रीका में बड़ी संख्या में नौकरियाँ पैदा हुई हैं, विभिन्न प्रकार की सहायता से अफ्रीकी लोगों को लाभ हुआ है।

आज, चीन और अफ्रीका भी आधुनिकीकरण के साझा प्रयास में कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले अच्छे साझेदार हैं। नए ब्लूप्रिंट के मार्गदर्शन में, नए वर्ष में चीन-अफ्रीका सहयोग में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे चीन-अफ्रीका सहयोग मंच के पेइचिंग शिखर सम्मेलन के परिणामों के और अधिक “प्रारंभिक लाभ” को बढ़ावा मिलेगा, “वैश्विक दक्षिण” की एकता और पुनरोद्धार को बढ़ावा मिलेगा, और विश्व शांति और विकास को बनाए रखने में 2.8 अरब लोगों की “चीन-अफ्रीका शक्ति” वाला योगदान दिया जाएगा। 

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) 

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