वाशिंगटनः पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से उबरने के लिए जहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत की उम्मीद लगाए बैठा है, वहीं कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने कहा है कि पाकिस्तान को अभी और कदम उठाने होंगे जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मजबूत वृद्धि की नींव कायम है। जॉर्जीवा ने कहा कि आíथक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कर संग्रह हो, उनका निष्पक्ष वितरण हो और सम्पन्न व्यक्ति अधिक कर का भुगतान करें। अपने ऋण कार्यक्रम की बहाली के लिए अभी पाकिस्तान आईएमएफ से बातचीत कर रहा है। कार्यक्रम की नौंवी समीक्षा को लेकर समझौता होने पर 1.1 अरब डॉलर की राशि जारी हो सकेगी और आईएमएफ कार्यक्रम की बहाली होने से पाकिस्तान के लिए कोष जुटाने के और रास्ते भी खुल सकेंगे।
जॉर्जीवा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत में अच्छी प्रगति हुई है। बेंगलुरु में इस हफ्ते जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों की बैठक से पहले जॉर्जीवा ने कहा, कि ‘पाकिस्तान को अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और निजी क्षेत्र की वृद्धि की खातिर रूपरेखा बनाने के लिए कई वर्ष तक संघर्ष करना पड़ा लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए देश को अभी और काम करने की जरूरत है।’’ जॉर्जीवा ने कहा, कि ‘मजबूत वृद्धि की नींव कायम रहे, कर संग्रह और उनका निष्पक्ष वितरण सुनिश्चित हो तथा जिनके पास अधिक धन है वे अधिक भुगतान करें, सार्वजनिक धन का उचित तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए हम पाकिस्तान का समर्थन करना चाहते हैं।