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पेरिस ओलंपिक 2024 में चीनी एथलीटों का प्रदर्शन और चीन में खेलों का विकास

पेरिस ओलंपिक 2024 में चीनी एथलीटों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से विश्व स्तर पर चीन की खेल क्षमताओं का परिचय कराया। चीन ने इस ओलंपिक में न केवल अपने पदकों की संख्या में वृद्धि की, बल्कि नई खेल विधाओं में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। चीनी एथलीटों का यह प्रदर्शन चीन के खेल विकास की एक दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है, जिसमें नवाचार, अत्याधुनिक तकनीक और युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

चीन ने पेरिस ओलंपिक में 40 स्वर्ण, 27 रजत और 24 कांस्य पदक हासिल किए, जो विदेशी ओलंपिक खेलों में देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। चीनी एथलीटों ने एक विश्व रिकॉर्ड और नौ ओलंपिक रिकॉर्ड भी बनाए। 1984 में श्यू हाइफेंग की शूटिंग कौशल की बदौलत चीन के पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक की गिनती करते हुए, चीन ने पेरिस में 300 स्वर्ण पदक के आंकड़े को सफलतापूर्वक पार कर लिया। पिछले 40 वर्षों में, चीनी खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने से लेकर वैश्विक खेलों का एक निर्विवाद पावरहाउस बनने तक विकसित हुए हैं।

पेरिस ओलंपिक 2024 में चीन ने विभिन्न खेलों में शानदार प्रदर्शन किया। जिम्नास्टिक्स, तैराकी, एथलेटिक्स और टेबल टेनिस में चीनी खिलाड़ियों ने शीर्ष स्थान प्राप्त किए। विशेष रूप से, चीन के युवा एथलीटों ने अपने कौशल से सभी को प्रभावित किया, जो देश की युवा खेल प्रतिभाओं के उभरते हुए भविष्य को दर्शाता है। चीन की महिलाओं ने भी अपने प्रदर्शन से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ाया, खासकर बैडमिंटन, जूडो और वॉलीबॉल में।

खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यह साबित करता है कि चीनी आधुनिकीकरण की सफलता न केवल आर्थिक विकास ला सकती है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के विकास के साथ-साथ खेल उद्योगों के लिए पर्यावरण को भी प्रभावी ढंग से “सभी के लिए खेल” को सक्रिय कर सकती है। यही मुख्य कारण है कि पिछले दशकों में चीन की 1.4 बिलियन आबादी से इतने सारे प्रतिभाशाली युवा एथलीट लगातार उभर सकते हैं, और वे उन खेलों में विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं जिन पर लंबे समय से अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का वर्चस्व रहा है।

आइये एक नज़र डालते हैं चीन में खेलों की मौजूदा परिस्थिति पर। चीन का खेल क्षेत्र सिर्फ ओलंपिक तक सीमित नहीं है। पिछले कुछ दशकों में चीन ने अपने खेल ढांचे में व्यापक बदलाव किए हैं। खेल प्रशिक्षण में अत्याधुनिक तकनीक का समावेश, खेल विज्ञान में अनुसंधान और विकास, और जमीनी स्तर पर खेलों को प्रोत्साहित करने की नीति ने चीन को वैश्विक खेल शक्ति के रूप में स्थापित किया है। बात की जाये टेबल टेनिस की तो इसके बारे में तो कहना ही क्या, चीन में लगभग हर गली-मोहल्ले, पार्क, स्कूल-कॉलेज हर जगह टेबल टेनिस खेलने वाले आपको दिख जाएँगे, यह खेल हर उम्र के लोगो को पसंद है।

इसके अलावा, चीन ने अपने नागरिकों के बीच खेलों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न योजनाएँ शुरू की हैं। फिटनेस और खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में खेल को अनिवार्य किया गया है। इससे न केवल उच्च-स्तरीय एथलीट तैयार हो रहे हैं, बल्कि समाज में भी एक स्वस्थ जीवन शैली का प्रचार हो रहा है।

चीन के खेल विकास की दिशा स्पष्ट है: तकनीकी नवाचार, युवाओं को प्रेरित करना, और वैश्विक मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करना। पेरिस ओलंपिक 2024 में चीनी एथलीटों का प्रदर्शन इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो दर्शाता है कि चीन का खेल क्षेत्र आने वाले वर्षों में और भी ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।

(रिपोर्टर—देवेंद्र सिंह)

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