Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

Peru में सरकार विरोधी-प्रदर्शन पहुंचा Cusco, मरने वालों का आंकड़ा हुआ 48

लीमाः पेरू के राष्ट्रपति डिना बोलुआर्टे की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर्यटक शहर कुस्को तक पहुंच गया है, जहां बुधवार को हिंसक झड़पें हुईं। एक महीने पहले शुरू हुए इन विरोध-प्रदर्शनों में अभी तक 48 लोगों की जान जा चुकी है। कुस्को में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा शहर के हवाई अड्डे पर कब्जा करने की कोशिश के बाद हुई झड़प में 37 नागरिक और 6 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। इस दौरान हवाई अड्डे पर कई विदेशी पर्यटक भी मौजूद थे। पेरू के 41 प्रांतों में बोलुआर्टे के खिलाफ और अपदस्थ राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो के समर्थन में लोगों ने प्रदर्शन किया और सड़कें जाम कीं हैं। कैस्टिलो को पद से हटाए जाने और उनकी गिरफ्तारी के बाद दिसंबर की शुरुआत से प्रदर्शन जारी हैं।

विरोध-प्रदर्शन मुख्य रूप से देश के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है, जहां अब भी लोग कैस्टिलो के प्रति वफादारी रखते हैं। वे तत्काल चुनाव कराने, बोलुआर्टे के इस्तीफे, कैस्टिलो की रिहाई और पुलिस के साथ संघर्ष में मारे गए प्रदर्शनकारियों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। अभी तक सबसे भयावह हिंसा सोमवार को जुलियाका शहर में टिटिकाका झील के पास हुई थी, जिसमें पुलिस के साथ झड़प में 17 लोग मारे गए थे। हिंसा में एक पुलिस अधिकारी को जिंदा जला दिया गया था। कुस्को में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि शहर में गोलीबारी की चपेट में आने के बाद एक और व्यक्ति की मौत हो गई।

इससे पहले, पेरू के लोकपाल कार्यालय ने कहा था कि पुलिस के साथ झड़प में अब तक 39 नागरिक मारे गए हैं, जबकि सड़क जाम करने के दौरान हुए हादसों में सात अन्य की मौत हुई है। इसके अलावा, एक पुलिस अधिकारी को जिंदा जलाए जाने की घटना भी सामने आई है, जिससे हिंसा में अब तक मारे गए लोगों की संख्या बढक़र 48 हो गई है। पेरू सरकार ने पुनो में तीन दिन तक रात आठ बजे से सुबह चार बजे तक कफ्यरू लगाने की घोषणा की है। पुनो में लोग हिंसा में मारे गए 17 लोगों के शवों के ताबूत के साथ चलते नजर आए थे।

इस बीच, मानवाधिकारों पर अंतर-अमेरिकी आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल विरोध-प्रदर्शनों और पुलिस की प्रतिक्रिया की जांच के लिए पेरू पहुंच गया है। कैस्टिलो की उत्तराधिकारी डिना बोलुआर्टे ने राष्ट्रपति पद और संसद के लिए 2024 में चुनाव कराने की योजना का समर्थन किया है, जो 2026 के लिए निर्धारित हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों के अत्यधिक बल का इस्तेमाल करने के मामले में भी न्यायिक जांच का समर्थन किया है।

Exit mobile version