PM Modi US Visit: वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दो दिवसीय अमेरिका यात्र पूरी करके नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरे के दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें व्यापार, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्ज और प्रौद्योगिकी सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
-‘X’ पोस्ट के जरिए पुष्टि की
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पोस्ट के जरिए पुष्टि की है कि पीएम वाशिंगटन से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। पीएमओ हैंडल पर एक तस्वीर के साथ लिखा गया है- पीएम मोदी यूएस का सफल दौरा कर भारत के लिए रवाना हुए।
#WATCH | Washington DC | PM Narendra Modi emplanes for Delhi after concluding his US visit on February 12-13 and meeting with US President Donald Trump.
(Source: DD) pic.twitter.com/zwcQUTbNa3
— ANI (@ANI) February 14, 2025
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को फ्रांस से अमेरिका पहुंचे थे और बृहस्पतिवार को भारतीय समयानुसार शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने उनकी मेजबानी की। यह बैठक खास रही क्योंकि यह ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय वार्ता थी। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण फैसले लिए।
इस यात्र के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से भी मुलाकात की। इन बैठकों में रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई। भारत और अमेरिका ने रक्षा, ऊर्ज और अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्रों में अपने सहयोग को व्यापक करने का निर्णय लिया। इसके अलावा, दोनों देशों ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
-PM मोदी ने बैठक के बाद अनुभव साझा किए
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी बैठक बेहतरीन रही और इससे भारत-अमेरिका की मित्रता को नई गति मिलेगी। दोनों नेताओं ने व्यापार घाटा कम करने, आर्टफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर और ऊर्ज आपूर्ति बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सहमति जताई।
बता दें कि दोनों नेताओं की बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी झड़पों को ‘‘काफी हिंसक’’ बताते हुए इस विवाद को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकाल सकते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों को भी साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि दुनिया में शांति बनी रहे।
अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसे तुरंत ठुकरा दिया था। अब यह देखना बाकी है कि ट्रंप भारत-चीन विवाद में अपनी मध्यस्थता की पेशकश को कितनी गंभीरता से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के आर्थकि संबंधों को और मजबूत करने के लिए नई योजनाएं बनाई गई हैं, जिससे दोनों देशों की दोस्ती और साझेदारी और गहरी होगी।
ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका भारत को अरबों डॉलर के रक्षा उपकरण बेचेगा और भविष्य में भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स देने की दिशा में भी काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2017 में उनके प्रशासन ने क्वाड सुरक्षा साझेदारी को फिर से सक्रिय किया, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा, ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देश कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए पहले से ज्यादा मजबूती से साथ काम करेंगे।