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G7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करने वाले पहले पादरी Pope Francis, AI के खतरे से करेंगे आगाह

इटली : पोप फ्रांसिस कृत्रिम बुद्धिमता यानी आर्टफिीशियल इंटेलिजेंस (एआई) से भलीभांति वाकिफ हैं लेकिन उनकी चिंता एआई के तेजी से बढ़ते दायरे को लेकर है और इसीलिए वह इस मुद्दे को जी7 शिखर सम्मेलन जैसे विशाल मंच पर रखने जा रहे हैं। पिछले वर्ष पोप फ्रांसिस की एक डीपफेक तस्वीर प्रसारित हुई थी, जिसमें वह एक सफेद रंग की मोटी जैकेट पहने हुए नजर आए थे। पोप फ्रांसिस दक्षिणी इटली में होने वाले इस वार्षिक सम्मेलन में शुक्रवार को जी7 नेताओं को संबोधित करेंगे। फ्रांसिस इस सम्मेलन को संबोधित करने वाले पहले पादरी होंगे।

पोप इस अवसर का उपयोग उन देशों और वैश्विक निकायों के साथ मिलकर करना चाहते हैं, जो ओपनएआई के चैटजीपीटी चैटबॉट द्वारा शुरू किए गए जेनरेटिव आर्टििफशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के बाद एआई के सिलसिले में मजबूत सुरक्षा उपायों पर जोर दे रहे हैं। जेनरेटिव आर्टििफशियल इंटेलिजेंस एक प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक है, जो किसी चित्र, ऑडियो और सिंथेटिक डेटा सहित विभिन्न प्रकार के कॉन्टेंट को बनाने में मदद करती है।

अज्रेंटीना के रहने वाले पोप ने इस वर्ष अपने वार्षकि शांति संदेश में भी एआई का उचित रूप से इस्तेमाल करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि करुणा, दया, नैतिकता और क्षमा जैसे मानवीय मूल्यों से रहित तकनीक का अनियंत्रित विकास बेहद खतरनाक हो सकता है। इटली की प्रधानमंत्री जॉíजया मेलोनी ने फ्रांसिस को आमंत्रित किया और उनकी भागीदारी की घोषणा की हैं।

जॉर्जिया जानती हैं कि पोप की प्रसिद्धि और नैतिक अधिकार के कारण एआई को लेकर व्यापक चिंता और शांति व सामाजिक न्याय को लेकर उनकी प्राथमिकताओं का संभावित प्रभाव पड़ेगा। टोरंटो विश्वविद्यालय के एक राजनीतिक वैज्ञानिक जॉन किर्टन ने कहा, कि पोप बहुत ही खास हस्ती हैं।

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