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शांति और विकास के लिए लाभदायक काम करने की जरूरत : डिल्मा रूसेफ

चाइना मीडिया ग्रुप ने हाल में नव विकास बैंक की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ का साक्षात्कार किया। इस मौके पर डिल्मा रूसेफ ने कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र भी नव विकास बैंक के सदस्य बने। विकासशील देशों के सामने कई समस्याएं मौजूद हैं, जिनके समाधान के लिए पर्याप्त ऋण की जरूरत है। विकासशील देशों में बुनियादी संस्थापनों का निर्माण बढ़ाया जाना चाहिए। यह विभिन्न देशों के लोगों की भलाई से संबंधित है।

नव विकास बैंक लोगों के जीवन को बेहतर बनाना चाहता है। डिल्मा रूसेफ ने आगे कहा कि विकासशील देशों और नवोदित आर्थिक शक्तियों की मुद्रा परिवर्तनीय नहीं है। ऐसी स्थिति में व्यापार करने के लिए अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल होता है। इससे नवोदित आर्थिक शक्तियों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। हम अपने मुद्रा से व्यापार करना चाहते हैं। यह महत्वपूर्ण है। स्थानीय मुद्रा में धन जुटाने से नव विकास बैंक के सदस्य देश और गहन रूप से पूंजी बाजार में हिस्सा ले सकेंगे और विश्व आर्थिक विकास में योगदान करेंगे। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले पांच सालों में नव विकास बैंक के 30 प्रतिशत व्यापार में स्थानीय मुद्रा का हिसाब किया जाएगा।

डिल्मा रूसेफ ने कहा कि पिछले 40 सालों में चीन ने असाधारण विकास किया। एकतरफा तौर पर चीन को रोकना बिलकुल गलत है। इसका एकमात्र परिणाम होगा कि वैश्विक औद्योगिक श्रृंखला टूट जाएगी। यह किसी भी व्यक्ति के हित और विश्व आर्थिक विकास के अनुरूप नहीं है। हर देश की अपनी स्थिति है। सभी देशों की सभ्यता और भिन्नता का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए। विभिन्न देशों को शांति और विकास के लिए लाभदायक काम करना चाहिए।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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