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महिलाओं की सुरक्षा और हितों की करें रक्षा

महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा आज दुनिया में सबसे व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पूरी दुनिया में अनुमानित 73.6 करोड़ महिलाओं (सभी महिलाओं में इस का अनुपात लगभग 35 प्रतिशत) ने अपने जीवन में कम से कम एक बार लिंग आधारित हिंसा का अनुभव किया है। ये हिंसक.

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महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा आज दुनिया में सबसे व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पूरी दुनिया में अनुमानित 73.6 करोड़ महिलाओं (सभी महिलाओं में इस का अनुपात लगभग 35 प्रतिशत) ने अपने जीवन में कम से कम एक बार लिंग आधारित हिंसा का अनुभव किया है। ये हिंसक कृत्य घरों, स्कूलों, व्यवसायों, पार्कों, सार्वजनिक परिवहन, खेल स्थलों पर होते हैं और ऑनलाइन तेजी से प्रचलित हो रहे हैं। थिंक टैंक अर्थशास्त्री के एक वैश्विक अध्ययन के मुताबिक, 38 प्रतिशत महिलाओं ने ऑनलाइन हिंसा का व्यक्तिगत रूप से अनुभव किया है और इंटरनेट का उपयोग करने वाली 85 प्रतिशत महिलाओं ने अन्य महिलाओं के खिलाफ हिंसक कृत्यों का गवाह किया है।

वहीं, महामारी, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन से महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को आगे मजबूत हुआ। इस के अलावा दुनिया भर मौजूदा चुनौतियाँ गंभीर होती जा रही हैं। आर्थिक असुरक्षा, बाधित आजीविका और सीमित सामाजिक सुरक्षा आदि कारणों से महिलाओं और लड़कियों की हिंसा के प्रति संवेदनशीलता बढ़ रही है।

दुनिया भर में, हर घंटे 5 से अधिक महिलाओं या लड़कियों की उनके ही परिवार के सदस्यों द्वारा हत्या कर दी जाती है। दुनिया भर में मानव तस्करी की लगभग 70 प्रतिशत पीड़ित महिलाएँ और लड़कियाँ हैं। एकाधिक संकटों से बेहतर ढंग से उबरने के लिए, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसक कृत्यों को रोकने में निवेश करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

हालाँकि, वैश्विक सरकारी विकास सहायता (ओडीए) में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को संबोधित करने के लिए उपयोग करने वाली कोष का अनुपात केवल 5 प्रतिशत है, जबकि लिंग-आधारित हिंसा को रोकने के लिए उपयोग करने वाली कोष का अनुपात केवल 0.2 प्रतिशत से कम है और ये वित्तीय सहायता कोष अकसर अल्पकालिक और अपर्याप्त होती हैं। कई देशों और क्षेत्रों ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ़ हिंसा से निपटने के लिए कानून पेश किए हैं, लेकिन अभी भी खराब कार्यान्वयन और भेदभावपूर्ण सामाजिक मानदंड बडी समस्याएं बने हुए हैं। 86 प्रतिशत महिलाएँ और लड़कियाँ उन देशों में रहती हैं, जो उन्हें लिंग आधारित हिंसा से कोई कानूनी सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।

महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने हर साल 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना की है। हर साल इसी दिन लिंग आधारित हिंसक कृत्यों को खत्म करने के लिए “लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सक्रियता के 16 दिन” की कार्रवाई शुरू होते हैं और 10 दिसंबर को “अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस” के अंत तक चलते हैं। 

इस “16 दिनों की कार्रवाई” का उद्देश्य प्रभाव का विस्तार करके अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, लोगों, सरकारों और संयुक्त राष्ट्र के विभागों को उत्साह जुटाने और लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा के व्यापक उन्मूलन के लिये अनेक देशों ने संबंधित कानून बने हैं। वर्ष 2001, चीनी राज्य परिषद ने “चीनी महिलाओं के विकास की रूपरेखा (2001-2010)” जारी की। इस रूपरेखा ने महिला व अर्थव्यवस्था, निर्णय लेने और प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी, महिला व शिक्षा, महिला व स्वास्थ्य, महिला व कानून और महिला व पर्यावरण आदि छह प्राथमिकता वाले विकास क्षेत्रों में मुख्य लक्ष्यों और रणनीतिक उपायों की पहचान की। वर्ष 2011 और 2021 में नई “चीन महिला विकास रूपरेखा” क्रमशः प्रख्यापित की गई थी। 

30 से अधिक वर्षों से, चीन ने महिलाओं के विकास को समग्र राष्ट्रीय आर्थिक व सामाजिक विकास योजना में शामिल किया है, महिलाओं के अधिकारों व हितों की रक्षा के लिए कानूनी प्रणाली में लगातार सुधार किया है, सरकारी प्रबंधन जिम्मेदारियों को मजबूत किया है, संबंधित वित्तीय निवेश में वृद्धि की है और सामाजिक प्रचार व लामबंदी को मजबूत किया है।

वर्तमान में, चीनी महिलाओं की आर्थिक व सामाजिक विकास में भाग लेने की क्षमता एवं योगदान दर की काफी वृद्धि हुई है। चीनी महिलाओं की सामाजिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है और उनके वैध अधिकारों व हितों को प्रभावी ढंग से संरक्षित किया गया है। साथ ही, चीनी महिलाओं की स्वास्थ्य स्थितियों में काफी सुधार हुआ है और उनकी शैक्षिक उपलब्धि भी लगातार बढ़ रही है। 

इसके अलावा, चीनी महिलाओं के लिए निर्णय लेने व प्रबंधन में भाग लेने के तरीके अधिक विविध बने हैं। चीनी महिलाओं के सामाजिक सुरक्षा स्तर में लगातार सुधार हुआ है। पारिवारिक जीवन में चीनी महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को और अधिक प्रदर्शित किया गया है। चीनी महिलाओं के विकास के माहौल को तेजी से अनुकूलित किया गया है। चीन में महिला हित के विकास और पुरुषों व महिलाओं के बीच समानता के विकास ने ऐतिहासिक नई उपलब्धियां हासिल की हैं। 

यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी महिला और लड़की पीछे न छूटे, दुनिया भर के सभी देशों को कदम जारी रखना चाहिए। बेहतर भविष्य की दिशा विकास करने के लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र, सरकारी विभागों, निजी संस्थानों व व्यक्तियों के सहयोग एवं प्रयासों को मजबूत करने खासकर लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम में निवेश को मजबूत करने की जरूरत है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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