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एक साथ समुद्र की रक्षा करें

समुद्री संरक्षित क्षेत्रों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएमपीएसी) विश्व समुद्री शासन में महत्वपूर्ण सम्मेलन है। पांचवां आईएमपीएसी 3 से 9 फरवरी तक कनाडा के वैंकूवर में आयोजित होगा। सम्मेलन के दौरान समुद्री संरक्षण और समुद्री प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासत की रक्षा पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में हासिल उपलब्धियां संयुक्त राष्ट्र अनवरत विकास का लक्ष्य साकार करने के लिए लाभदायक सिद्ध होंगी। पहले चार आईएमपीएसी सब सफल रहे, जो क्रमशः वर्ष 2005 ऑस्ट्रेलिया के जिलॉन्ग में, वर्ष 2009 अमेरिका के वाशिंगटन में, वर्ष 2013 फ्रांस के मारसैल में और वर्ष 2017 चिली के ला सेरेना में आयोजित हुए थे।

समुद्री संरक्षण क्षेत्र की स्थापना जीव-जंतुओं की नसलों और पारिस्थितिकी व्यवस्था की रक्षा और मत्स्य पालन के प्रबंध में सबसे कारगर उपाय है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2000 में दुनिया भर में समुद्री संरक्षण क्षेत्र का क्षेत्रफल करीब 20 लाख वर्ग किलोमीटर था, जो समुद्र के कुल क्षेत्रफल का एक प्रतिशत से भी कम था। लेकिन पिछले 20 से अधिक सालों में दुनिया में समुद्री संरक्षित क्षेत्र के क्षेत्रफल में प्रति वर्ष औसतन 70 प्रतिशत की वृद्धि कायम रही। अब दुनिया में करीब 18 हजार समुद्री संरक्षित क्षेत्र हैं। ये समुद्री पारिस्थितिक व्यवस्था की रक्षा और जलवायु परिवर्तन के मुकाबले क्षमता उन्नत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

चीन समुद्री पारिस्थितिकी के संरक्षण पर बड़ा ध्यान देता है। अब तक चीन ने 250 से अधिक समुद्री संरक्षित क्षेत्र स्थापित किए, जिसका क्षेत्रफल 1.2 करोड़ हैक्टेयर से अधिक है। चीन में 28,661 प्रकारों के समुद्री जीवों का रिकॉर्ड किया, जो दुनिया के तीसरे स्थान पर रहा। समुद्र दुनिया में सबसे बड़ा पारिस्थितिक व्यवस्था है और पृथ्वी की जीवन समर्थन प्रणाली भी है। समुद्र का स्वास्थ्य सभी देशों से संबंधित है। इसकी रक्षा के लिए सभी देशों के प्रयासों की जरूरत है। विभिन्न देशों ने समुद्री संरक्षण को प्राथमिकता देने पर सहमति बनाई है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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