Tibet और शिनच्यांग में मानवाधिकार की वास्तविक स्थितियां

चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और शिनच्यांग स्वायत्त प्रदेश में मानवाधिकार की स्थितियांं हमेशा कुछ मीडिया में प्रचार करने के महत्वपूर्ण विषय हैं। और इससे जुड़े “जबरन पुनर्वास” और “द्विभाषी शिक्षा” जैसे मुद्दों पर भीषण बहस की जा रही हैं। पर मानवाधिकार की वास्तविक स्थितियां कैसी होती हैं, इस बात पर वहां रहने वालों को.

चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और शिनच्यांग स्वायत्त प्रदेश में मानवाधिकार की स्थितियांं हमेशा कुछ मीडिया में प्रचार करने के महत्वपूर्ण विषय हैं। और इससे जुड़े “जबरन पुनर्वास” और “द्विभाषी शिक्षा” जैसे मुद्दों पर भीषण बहस की जा रही हैं। पर मानवाधिकार की वास्तविक स्थितियां कैसी होती हैं, इस बात पर वहां रहने वालों को बात करने का सबसे ज्यादा अधिकार है। हाल के वर्षों में, शिनच्यांग की अर्थव्यवस्था का विकास जारी है, इसका समाज सामंजस्यपूर्ण और स्थिर है, और लोगों की आजीविका में लगातार सुधार हुआ है। लोगों में लाभ, खुशी और सुरक्षा की भावना में काफी वृद्धि हुई है। मानव अधिकारों और सामाजिक विकास की उपलब्धियां स्पष्ट हैं। लेकिन ऐसी झूठी रिपोर्टें भी जारी की गयी हैं कि शिनच्यांग में तथाकथित “जबरन श्रम” मौजूद है।

शिनच्यांग में रोजगार एक बाजार व्यवहार है जिसमें उद्यमों और मजदूरों के पास दो तरफा विकल्प करने का अधिकार होता है। लोगों के नौकरी चुनने के अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा की जाती है। शिनच्यांग में, सभी जातीय समूहों के कर्मचारियों के कानूनी अधिकारों और हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाती है, और उन्हें स्वतंत्र और खुशहाल काम का एहसास हुआ है। 2022 की पहली छमाही में, शिनच्यांग के निवासियों की प्रति व्यक्ति प्रयोज्य आय 10,748 युआन (आरएमबी, वही नीचे) थी, जो साल-दर-साल 6.3% की वृद्धि थी। पूर्ण रोजगार के माध्यम से, लोगों के आय स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो शिनच्यांग के मानवाधिकारों के विकास और प्रगति का एक सच्चा प्रतिबिंब है।

उधर तिब्बत में, लंबे समय से बहुत से लोग बिखरे हुए रहते हैं। कुछ तिब्बती चरवाहे दूर-दराज के क्षेत्रों में अत्यधिक ठंड और हाइपोक्सिया के साथ रहते हैं। उनके पास न तो पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं, न ही अच्छा वातावरण और संसाधन। इसलिए, सरकार ने बेहतर परिस्थितियों के साथ मैदानी इलाकों में उन के लिए नए घरों का निर्माण करने का फैसला किया। नए घर के क्षेत्रों में रहने की सभी प्रकार की स्थितियाँ उत्तम हैं, और सरकार ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए चिकित्सा सर्विस से लेकर रोज़गार तक सभी कल्याण लाभों की गारंटी दी है। इसके अलावा, प्रवासी तिब्बतियों के मूल क्षेत्र में पशुधन और चरागाह फिर भी बने हुए हैं, और वे पशुओं की देखभाल के लिए पिछले क्षेत्र में लौट आते रहते हैं। इस तरह के उदार गरीबी उन्मूलन उपायों की स्थानीय तिब्बतियों द्वारा ईमानदारी से सराहना की गई है।

उधर चीन के जातीय अल्पसंख्यक क्षेत्रों में भाषा के मुद्दे कभी भी राजनीतिक मुद्दा नहीं रहे हैं। दुनिया मे हर देश अपनी आधिकारिक भाषा को बढ़ावा किया जाता है। तिब्बत और शिनच्यांग के छात्रों के लिए आधिकारिक भाषा सीखने से देश के अन्य हिस्सों में लोगों के साथ संवाद करने और काम करने का मौका मिलेगा। चीन और भारत जैसे कई विकासशील देशों में, किंडरगार्टन चरण से ही अंग्रेजी भाषा सीखी जाती है, जिसपर अमेरिका और पश्चिम में इस पर कभी सवाल नहीं उठाया गया। चीन में आधिकारिक भाषा का प्रसार करना क्यों सही नहीं है? तिब्बत और शिनच्यांग के निवासी चीनी नागरिक हैं। चीनी संविधान और स्थानीय कानूनों के अनुसार, उन्हें देश की आम भाषा सीखनी चाहिए। द्विभाषी शिक्षा के माध्यम से, अल्पसंख्यक जातीय छात्रों ने अपने भविष्य के लिए एक अच्छी नींव रखी है। साथ ही, इन क्षेत्रों में पढ़ने वाले हान जातीय छात्रों को भी अल्पसंख्यक भाषा सीखने की जरूरत है, जो विभिन्न जातीय समूहों के बीच पारस्परिक समझ और संवाद के लिए मददगार है। “द्विभाषी” शिक्षा के माध्यम से, जातीय अल्पसंख्यकों के बच्चे एक व्यापक दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं, और पारंपरिक जातीय संस्कृतियों को बेहतर विरासत में मिला है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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