कोलंबोः उत्तरी श्रीलंका में एक शताब्दी पुराने रेलवे ट्रैक का पुर्निनर्माण कार्य सोमवार को भारत की सहायता से शुरू हुआ। इस कदम का उद्देश्य नकदी के संकट से जूझ रहे देश में वस्तुओं व सेवाओं की गतिशीलता बढ़ाना व आर्थिक गतिविधियों मे तेजी लाना है। मेदावाछिया और मधु रोड के बीच 43 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक उत्तरी रेलवे लाइन के पुनर्निर्माण के लिए परियोजना के पहले चरण का हिस्सा है। कुल 252 किलोमीटर लंबी उत्तरी रेलवे लाइन के पुर्निनर्माण को 8.1 करोड़ अमेरिकी डालर की लागत से पूरा किया जाएगा। श्रीलंका में कई रेलवे पुनर्निर्माण परियोजनाओं में योगदान देने वाली भारतीय कंपनी ‘इरकॉन इंटरनेशनल’ इस परियोजना का नेतृत्व कर रही है।
इसके अतिरिक्त 31.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर के मौजूदा साख पत्र (लाइन ऑफ क्रेडिट) के तहत 9.12 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत से इरकॉन द्वारा माहो से ओमनथाई 128 किलोमीटर तक सहायक कार्य भी किया जा रहा है। यहां भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा, कि श्रीलंका के दीर्घकालिक विकास भागीदार के रूप में भारत सरकार ने अपने रियायती ऋण और अनुदान योजनाओं के तहत श्रीलंका में कई परियोजनाओं को क्रियान्वित किया। इन सुविधाओं के तहत सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में श्रीलंकाई रेलवे का उन्नयन और आधुनिकीकरण प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक रहा है।
भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने कहा कि इस कदम ने श्रीलंका में माल और सेवाओं की गतिशीलता बढ़ाने में रेलवे के आधुनिकीकरण के महत्व को रेखांकित किया जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। बागले ने परियोजना के आधिकारिक उद्घाटन के दौरान कहा, ह्लारत ने 5 भारतीय साखपत्रों के तहत श्रीलंका में रेलवे क्षेत्र में एक अरब अमेरिकी डालर से अधिक की परियोजनाओं को क्रियान्वित किया है। इसके अलावा, मौजूदा साखपत्रों के तहत लगाग 18 करोड़ अमेरिकी डालर की परियोजनाएं या तो चल रही हैं या उन्हें अंजाम दिया जाना है।