Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

चीन के मानवाधिकारों की स्थिति पर अमेरिका द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों का खंडन

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने 12 दिसंबर को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में चीन में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स द्वारा चीन के मानवाधिकार पर लगाए गए निराधार आरोपों का खंडन किया और कहा कि अमेरिकी पक्ष का संबंधित कथन झूठ और पूर्वाग्रह से भरा है। यह पूरी तरह से अमेरिकी पक्ष के आधिपत्य और धमकाने की प्रकृति को दर्शाता है, और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने, चीन के स्थिर विकास और राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने के लिए मानवाधिकारों के मुद्दों का उपयोग करने के राजनीतिक उद्देश्य को उजागर करता है। चीन इससे पूरी तरह असंतुष्ट है और इसका दृढ़ता से विरोध करता है।

वांग वनपिन ने कहा कि चीन में मानवाधिकारों की स्थिति कैसी है, यह बात सबसे ज्यादा चीनी लोगों की है। चीन ने अपने संविधान में “मानवाधिकारों के सम्मान और संरक्षण” को शामिल किया, चीन चीनी विशेषता वाले समाजवादी राजनीतिक विकास पथ पर आगे बढ़ता है, पूरी प्रक्रिया के दौरान लोगों के लोकतंत्र को व्यापक रूप से विकसित करता है, इसके साथ ही चीन जन-केंद्रित विकास अवधारणा का पालन करता है, जिससे मानवाधिकारों की और अच्छी तरह गारंटी दी जाती है।

प्रवक्ता ने कहा कि चीन में 1.4 अरब लोग गरीबी से बाहर निकल कर खुशहाल जीवन बिता रहे हैं। लोगों की औसत जीवन प्रत्याशा बढ़कर 78.2 वर्ष हो गई है, और चीन ने दुनिया भर में सबसे बड़े पमाने वाली शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा देखभाल और जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक प्रणाली का निर्माण किया। इसके साथ ही चीन ईमानदारी से अपने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों को पूरा करता है, और दुनिया का एकमात्र प्रमुख देश है जिसने चार राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्य योजनाओं को लगातार तैयार और कार्यान्वित किया है। प्रवक्ता वांग वनपिन ने यह भी कहा कि चीन चीनी मानवाधिकारों के विकास पथ का अनुसरण करना जारी रखेगा, वैश्विक मानवाधिकार प्रशासन में सक्रिय रूप से भाग लेगा और मानवाधिकारों के व्यापक विकास को बढ़ावा देगा।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Exit mobile version