चीन ने पिछले एक दशक में अपने ग्रामीण क्षेत्रों के पुनरोद्धार के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस प्रयास का उद्देश्य केवल कृषि उत्पादन को बढ़ाना ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को सुधारना, आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करना है। वर्ष 2017 में,चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं कांग्रेस की बैठक के दौरान, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पहली बार राष्ट्रीय ग्रामीण पुनरोद्धार रणनीति को सामने रखा, जिसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को पुनर्जीवित करने में मदद करना है। कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों का बुनियादी आधुनिकीकरण प्राप्त करना। तब से, चीन ग्रामीण इलाकों में व्यवसायों, प्रतिभा, संस्कृति, पारिस्थितिकी तंत्र और संगठनों के पुनरुद्धार को लगातार बढ़ावा देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है।
चीन ने अपने कृषि क्षेत्र को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया है। ड्रोन, स्मार्ट उपकरण और आईटी आधारित प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करके कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, बिजली, जल आपूर्ति और इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इससे न केवल ग्रामीण लोगों का जीवन आसान हो रहा है, बल्कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की दूरी भी कम हो रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कई पहलें की गई हैं। अस्पतालों और स्कूलों की संख्या बढ़ाई गई है और उनकी गुणवत्ता में सुधार किया गया है। साथ ही चीन पर्यावरण के अनुकूल और सतत विकास के लिए भी प्रयासरत है। जैविक खेती, जल संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसा कहा जा सकता है कि चीन की ग्रामीण पुनरोद्धार रणनीति ने न केवल कृषि और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दिशा में चीन के अनुभव से अन्य विकासशील देश भी सीख सकते हैं और अपने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं।
दरअसर, भारत में भी कृषि क्षेत्र में काफ़ी विकास हुआ है। भारत सरकार ने कई महावपूर्ण कदम उठाये हैं जिनके फलस्वरूप रोजगार के अवसर प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने का प्रयास किया गया है, जिससे सतत विकास में योगदान मिलता है। प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना वर्ष 2000 में शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य असंबद्ध ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इसके अलावा भी कई और कल्याणकारी नीतियाँ भी सरकार ने किसान भइयो के लिये बनाई हैं जिसका लाभ देश के तमाम किसान उठा रहें है। इसके अलावा अब भारत में भी ड्रोन के द्वारा खेती में मदद ली जाती है, कई तरह के नए और आधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है, मौसम की सटीक जानकारी भी किसानों को खेती करने में बहुत लाभकारी है। भारत एक कृषि प्रधान देश है वहीं चीन में भी कृषि पर अधिक महत्व दिया जाता है दुनिया के अन्य देशों के लिए यह दोनों देश प्रेरणा सूत्र हैं, जो कृषि विज्ञान में निरंतर आगे बढ़ रहें हैं और दुनिया की भूख मिटाने में अपना परस्पर योगदान दे रहें हैं और भविष्य में भी दुनिया का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।
(रिपोर्टर—देवेंद्र सिंह)