Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

संयुक्त राष्ट्र के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने फ्रेमवर्क तक पहुंचने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने की अपील की

संयुक्त राष्ट्र “जैव विविधता संधि” के हस्ताक्षरकर्ताओं के 15वें सम्मेलन (कोप15) के दूसरे चरण का उच्च स्तरीय सम्मेलन 15 दिसंबर को कनाडा के मॉन्ट्रियल में शुरू हुआ। संयुक्त राष्ट्र के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए विभिन्न पक्षों से राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाने की अपील की, ताकि “पोस्ट-2020 वैश्विक जैव विविधिता फ्रेमवर्क” जल्द से जल्द संपन्न हो सके।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने कहा कि लोग खुद को और आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए यहां एकत्र होते हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों, वार्ताकारों और निर्णयकर्ताओं से आग्रह किया कि सद्भाव को आगे बढ़ाने की महत्वाकांक्षा बनाए रखें, एक मजबूत, विज्ञान-आधारित “फ्रेमवर्क” संपन्न करें।

संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने बताया कि प्रकृति और मानव का भविष्य एक चौराहे पर है। सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों को तीन कार्य करने होंगे: पहला, “फ्रेमवर्क” संपन्न कर उसका कार्यान्वयन सुनिश्चित करें। दूसरा, विकसित देशों को विकासशील देशों को वित्तीय संसाधन, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान करने, ताकि “फ्रेमवर्क” का सभी देशों में निष्पक्ष और न्यायसंगत कार्यान्वयन हो सके। तीसरा, जीन अनुक्रमण प्रौद्योगिकी और इसके व्यावसायिक अनुप्रयोगों के तेज विकास के लाभों के बारे में अधिक जानें। संयुक्त राष्ट्र “जैव विविधता संधि” के सचिवालय की कार्यकारी सचिव एलिज़ाबेथ मुरेमा ने कहा कि कोप15 जैव विविधता शासन में एक महत्वपूर्ण मोड़ होना चाहिए। हालांकि सभी पक्षों के हित अलग-अलग हैं, फिर भी वे एक समान दृष्टि और लक्ष्य के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने सभी पक्षों से मतभेदों को कम करने, आम सहमति का विस्तार करने और एक महत्वाकांक्षी व यथार्थवादी “फ्रेमवर्क” तक पहुंचने के लिए समान प्रयास करने का आह्वान किया।

कोप15 के दूसरे चरण का उच्च-स्तरीय सम्मेलन 17 दिसंबर तक चलेगा। अभी तक लगभग 140 हस्ताक्षरकर्ताओं और 60 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया, जिनमें 200 मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधि शामिल हैं। यह “जैव विविधता संधि” के हस्ताक्षरकर्ताओं के सम्मेलनों के इतिहास में उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों की सबसे बड़ी संख्या थी।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Exit mobile version