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Pakistan के मदरसा में हुए विस्फोट में अब तक 8 लोगों की मौत

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पेशावर : उत्तर-पश्चिमी Pakistan के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित एक मदरसे में जुमे की नमाज अदा करने के दौरान शक्तिशाली विस्फोट होने की घटना में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर आठ हो गई है। पुलिस ने यह जानकारी दी। मुख्य सचिव शाहब अली शाह ने पुष्टि कर बताया कि ‘दारुल उलूम हक्कानिया’ नामक मदरसे में यह विस्फोट हुआ है, जिसमें जमीयत उलेमा इस्लाम (सामी समूह) के प्रमुख एवं नौशेरा जिले के अकोरा खट्टक स्थित मदरसा-ए-हक्कानिया की देखरेख करने वाले हमीदुल हक हक्कानी की मौत हो गई जबकि 17 अन्य व्यक्ति घायल हो गए। खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) जुल्फिकार हमीद ने बताया कि पुलिस को संदेह है कि इस हमले को आत्मघाती बम हमलावर के जरिए अंजाम दिया गया और हमीदुल हक ही निशाने पर थे।

जिहाद का विश्वविद्यालय

अधिकारी ने बताया कि यह हमला उस दौरान हुआ था जब हामिद उल हक अपने साथियों के साथ घर जा रहे थे। सुरक्षा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि हक्कानी पर यह हमला ऐसे समय में हुआ जब ‘इस्लामिक स्कॉलर्स एसोसिएशन’ के एक सम्मेलन में उन्हें इसलिए धमकी दी गई थी क्योंकि उन्होंने कहा था कि लड़कियों की शिक्षा को रोकना इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ है। सूत्रों ने बताया कि इस हमले के मुख्य सरगना की पहचान कर ली गई है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सुरक्षा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इनका किसी धार्मिक संस्था से कोई संबंध नहीं है। हमीदुल हक के पिता मौलाना समी उल हक की मौत हो जाने के बाद उन्हें जेयूआई (सामी समूह) का प्रमुख बनाया गया था।

उनका जन्म 1968 में हुआ था। दारुल उलूम हक्कानिया मदरसा सुन्नी इस्लाम के हनफी देवबंदी विचार का प्रचार करता है। मौलाना अब्दुल हक ने भारत के दारुल उलूम देवबंद मदरसा की तर्ज पर ही उक्त मदरसे की स्थापना की थी। दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे की शिक्षण पद्धति की विषय-वस्तु के कारण इसे ‘‘जिहाद का विश्वविद्यालय’’ कहा जाता है। तालिबान के पूर्व प्रमुख अख्तर मंसूर सहित आतंकी संगठन के कई प्रमुख सदस्यों ने इस मदरसे में पढ़ाई की है।

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