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ताकि सुकून भरी हो जीवन की सांझ…

ना उम्र की सीमा हो , ना जन्म का हो बंधन…जगजीत सिंह के हृदयस्पर्शी सुरों से सजी इस ग़ज़ल के यूं तो कई मायने हो सकते हैं लेकिन वृद्धावस्था के संदर्भ में सुनने पर ये और मनमोहक लगती है। उम्र के सभी पड़ावों में से वृद्धावस्था भी एक है, फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि ये जीवन का अंतिम पड़ाव है। दुनिया भर के तमाम देश वृद्धजनों का जीवन सुलभ बनाने के लिए आए दिन नई कोशिशें करते रहते हैं ताकि जीवन की सांझ सुकून भरी हो।
वृद्धावस्था के मामले में चीन दूसरे देशों से ज़रा अलग है। चीन में वृद्धों का जीवन एकाकी तो है लेकिन एकांत नहीं, जीवन के रंगमंच पर अपने हिस्से का किरदार जी चुके लोग अपनी विदा से पहले जीवन के उत्सव को भरपूर तरीके से जीते हैं। चीन में वृद्धों के जीवन और इस उम्र की दुश्वारियाँ कमोबेश बाकी देशों जैसी ही हैं लेकिन सरकारी स्तर के प्रयास उनके जीवन को काफी हद तक सुलभ बना देते हैं।
मनुस्मृति में कहा गया है कि-“जब मनुष्य यह देखे कि उसके शरीर की त्वचा शिथिल या ढीली पड़ गई है, बाल पक गए हैं, पुत्र के भी पुत्र हो गए हैं, तब उसे सांसारिक सुखों को छोड़कर वन का आश्रय ले लेना चाहिए, क्योंकि वहीं वह अपने को मोक्ष-प्राप्ति के लिए तैयार कर सकता है।” लेकिन चीन में मोक्ष की अवधारणा भारत से अलग है। चीन के वृद्ध जीवन के अंतिम पड़ाव को उत्सव की तरह जीते हैं। आवासीय परिसर, सामुदायिक पार्क और दूसरे आबादी वाले स्थान वृद्धों की चहलकदमी से हर समय गुलज़ार रहते हैं।
बुजुर्ग व्यक्तियों का सम्मान करना चीनी राष्ट्र की परंपरा रही है। सभी बुजुर्गों को सुखी जीवन जीने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग हर साल छोंगयांग त्योहार पर शुभकामना संदेश देते हैं। शी चिनफिंग का मानना है कि बुढ़ापे की समस्या के मुकाबले के लिए राष्ट्रीय रणनीति का सक्रिय क्रियान्वयन करना चाहिए ताकि बुजुर्ग, सुधार और विकास की उपलब्धियों से फायदा उठा सकें और वृद्धावस्था में सुखी जीवन बिता सकें।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से शी चिनफिंग लगातार वृद्धाश्रमों और बुजुर्ग सेवा केंद्रों का दौरा कर रहे हैं। वे बुजुर्गों के जीवन और चीन में वृद्धों से जुड़े कार्यों पर ध्यान देते हैं। उनका मानना है कि घर में बुजुर्गों के लिए आराम-विश्राम, चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल से मिश्रित सेवा व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए। शी चिनफिंग के प्रोत्साहन में चीन ने अपनी विशेषता वाली बुजुर्ग देखभाल व्यवस्था स्थापित कर चीनी बुजुर्गों की समस्या के मुकाबले में बराबर की कोशिश कर रहा है।
(दिव्या पाण्डेय – चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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