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दक्षिण कोरिया मार्शल लॉ विवाद : रक्षा मंत्री का इस्तीफा स्वीकार, रिटायर्ड आर्मी जनरल लेंगे उनकी जगह

South Korea Martial Law Dispute : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सूक योल ने रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। देश में मार्शल लॉ लागू होने में उनकी कथित भूमिका को लेकर बढ़ते विवाद के बीच यह इस्तीफा हुआ है। बता दें राष्ट्रपति.

South Korea Martial Law Dispute : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सूक योल ने रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। देश में मार्शल लॉ लागू होने में उनकी कथित भूमिका को लेकर बढ़ते विवाद के बीच यह इस्तीफा हुआ है। बता दें राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मंगलवार रात मॉर्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि बुधवार सुबह उन्हें अपना फैसला पलटना पड़ा। मार्शल लॉ कुछ ही घंटे तक लागू रहा। आरोप है कि किम ने कथित तौर पर मार्शल लॉ घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। उनके इस्तीफे की मांग विपक्षी ही नहीं बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से भी गई।

यून के चीफ ऑफ स्टाफ चुंग जिन-सुक ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि राष्ट्रपति ने किम के उत्तराधिकारी के रूप में चोई ब्युंग-हुक को नामित किया, जो एक रिटायर्ड फोर स्टार आर्मी जनरल हैं और वर्तमान में सऊदी अरब में दक्षिण कोरिया के राजदूत के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने बुधवार को माफी मांगी और इस्तीफे की पेशकश की। किम ने एक बयान में कहा, कि ‘मैंने इमरजेंसी मार्शल लॉ की वजह से पैदा हुई उथल-पुथल की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।‘

यून की मार्शल लॉ की घोषणा का न सिर्फ विपक्षी पार्टयिों ने बल्कि उनकी अपनी सत्ताधारी दल पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने भी विरोध किया। मीडिया रिपोट्स के मुताबिक राष्ट्रपति यून सुक-योल पीपुल्स पावर की लोकप्रियता रेटिंग लगातार कम हो रही है। उनकी पत्नी भी कुछ कथित घोटालों और विवादों से जुड़ी रही हैं।

इस बीच बुधवार को विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पेश किया। मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ रीबिल्डिंग कोरिया पार्टी और रिफॉर्म पार्टी सहित पांच अन्य छोटी विपक्षी पार्टयिों ने दोपहर 2:43 (स्थानीय समायुनुसार) बजे नेशनल असेंबली में बिल ऑफिस में प्रस्ताव पेश किया।

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