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दक्षिण कोरिया : राष्ट्रपति Yoon को पद से हटाने की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने शुरू की भूख हड़ताल

दक्षिण कोरिया के विपक्षी दलों के कुछ सांसदों ने मंगलवार को भूख हड़ताल शुरू कर दी। इन्होंने राष्ट्रपति यून सूक योल को उनके पद से आधिकारिक रूप से हटाने के लिए संवैधानिक न्यायालय से फैसला सुनाए जाने की मांग की है।

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सोल: दक्षिण कोरिया के विपक्षी दलों के कुछ सांसदों ने मंगलवार को भूख हड़ताल शुरू कर दी। इन्होंने राष्ट्रपति यून सूक योल को उनके पद से आधिकारिक रूप से हटाने के लिए संवैधानिक न्यायालय से फैसला सुनाए जाने की मांग की है। मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी), रिबिल्डिंग कोरिया पार्टी और प्रोग्रेसिव पार्टी सहित विपक्षी सांसदों के एक समूह ने भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने अदालत से यून को तुरंत बर्खास्त करने का आग्रह किया जिन्हें शनिवार को रिहा कर दिया गया।

बता दें यून को 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के नाकाम प्रयास के माध्यम से विद्रोह भड़काने के आरोप में जनवरी में हिरासत में लिया गया था। उन्हें शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया, क्योंकि अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार के अदालत फैसले के खिलाफ अपील नहीं करने का निर्णय लिया। अदालत ने यून की हिरासत को अवैध बताया था। हालांकि यून के खिलाफ महाभियोग और आपराधिक मुकदमे जारी रहेंगे।

भूख हड़ताल पर बैठे सांसदों ने कहा, ‘यून सुक योल को वापस जेल जाना चाहिए।‘ उन्होंने यून को रिहा करने वाले अभियोजक जनरल शिम वू-जंग के इस्तीफे की भी मांग की और कहा कि सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) को भंग कर दिया जाना चाहिए क्योंकि इसने यून के महाभियोग में बाधा डालने का आरोप लगाया। डीपी प्रतिनिधि पार्क होंग-बे, किम मून-सू और जीन जिन-सूक ने यून को पद से हटाने की मांग करते हुए नेशनल असेंबली की मुख्य इमारत के बाहर अपने सिर मुंडवा लिए। इससे पहले दिन में, डीपी और रिबिल्डिंग कोरिया पार्टी ने अपनी रैलियों को जारी रखने के लिए सोल के ग्वांगामुन में टेंट लगाए।

इस बीच, पीपीपी ने कहा कि विपक्ष के जवाब में रैलियां करने या कोई सामूहिक कार्रवाई करने की उसकी कोई योजना नहीं है। इससे पहले, दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति चोई सांग-मोक ने हिंसा के किसी भी कृत्य के लिए शून्य सहनशीलता का वचन दिया। दरअसल राष्ट्रपति यून के महाभियोग मुकदमे में जल्द फैसले का ऐलान होने वाला है। ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि फैसले के दिन हिंसक झड़पे हो सकती हैं जिसे देखते हुए सुरक्षा के सख्त बंदोबस्त किए जा रहे हैं।

संवैधानिक न्यायालय ने सुनवाई पूरी कर ली है और वह यह फैसला सुनाएगा कि यून को राष्ट्रपति पद से हटाया जाए या नहीं। फैसला सुनाए जाने की सुनवाई की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है। यदि यून को औपचारिक रूप से पद से हटा दिया जाता है, तो 60 दिनों के भीतर एक त्वरित चुनाव होगा। अगर महाभियोग खारिज हो जाता है, तो यून तुरंत अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू कर देंगे।

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