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खेलकूद विकास और शांति को बढ़ाता है

खेलकूद में दुनिया को बदलने की ताकत है। यह न केवल एक बुनियादी अधिकार है, बल्कि सामाजिक संपर्क, अनवरत विकास, शांति, एकता और आपसी सम्मान को भी बढ़ाता है। खेलकूद निष्पक्षता, टीम निर्माण, समानता, समावेश और दृढ़ता बढ़ाने के लिए भी लाभदायक है। व्यायाम करने से चिंता दूर हो जाती है और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बरकरार रखा जा सकता है।

मानवाधिकार और सामाजिक व आर्थिक विकास बढ़ाने में खेलकूद सक्रिय भूमिका निभाता है। इसके मद्देनजर 67वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 अगस्त, 2013 को हर साल 6 अप्रैल को विकास और शांति के लिए अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाना निर्धारित किया।

67वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वुक जेरेमिक ने कहा कि खेलकूद शांति और सुलह बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाता है। इससे लोगों के बीच दूरी कम हो सकती है और पूर्वाग्रह, भय व गलतफहमी भी दूर हो सकती है। खेलकूद विश्व की भाषा है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के कई संगठनों ने अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के साथ साझेदारी स्थापित किया है। ओलंपिक चार्टर के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी का मिशन और भूमिका खेलकूद के प्रयोग से मानव जाति की सेवा करनी है। खेलकूद को संस्कृति, शिक्षा और बिना किसी भेदभाव के मानवीय गरिमा को जोड़ने से शांतिपूर्ण समाज और स्वस्थ जीवन शैली बढ़ाई जाएगी।

इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक कमेटी की भूमिका की पुष्टि भी की। अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक कमेटी दुनिया के सभी लोगों को विकलांग एथलीटों की उपलब्धियां दिखाएगी और विकलांग लोगों के खेलकूद के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलने का प्रयास करेगी।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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