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माल्विनास द्वीप समूह पर संप्रभुता के लिए अर्जेंटीना के वैध दावे का दृढ़ता से समर्थन करें

स्थानीय समयानुसार 2 मार्च को अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो ने कहा कि अर्जेंटीना ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान औपचारिक रूप से ब्रिटन को सूचित किया है कि उसने वर्ष 2016 में माल्विनास द्वीप समूह के विवाद पर दोनों देशों द्वारा किए गए “फोरडोरी-डंकन समझौते” को समाप्त करने का निर्णय लिया है। साथ ही, उन्होंने ब्रिटेन से यह आग्रह किया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के नंबर 2065 प्रस्ताव के अनुसार माल्विनास द्वीप समूह की संप्रभुता पर बातचीत फिर से शुरू की जानी चाहिए। यह अर्जेंटीना द्वारा पेश किया गया एक वैध दावा है, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस का दृढ़ समर्थन करना चाहिये।

तथाकथित “फोरडोरी-डंकन समझौता” वर्ष 2016 के सितंबर में अर्जेंटीना के तत्कालीन उप विदेश मंत्री फोरडोरी और ब्रिटेन के तत्कालीन यूरोपीय और अमेरिकी मामलों के राज्य सचिव डंकन द्वारा माल्विनास द्वीप समूह की संप्रभुता पर जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति है। इस विज्ञप्ति के अनुसार दोनों पक्षों के अधिकारियों को माल्विनास द्वीप समूह के मामले पर घनिष्ठ आदान-प्रदान करना चाहिये, और माल्विनास द्वीप समूह में आर्थिक वृद्धि और अनवरत विकास में मौजूद सभी बाधाओं को दूर करना चाहिये। 

हाल के कई वर्षों में, अर्जेंटीना माल्विनास द्वीप समूह की संप्रभुता पर विवाद को हल करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, और बार-बार ब्रिटेन से प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का पालन करने और बातचीत की मेज़ पर लौटने का आह्वान किया है, लेकिन ब्रिटेन ने हमेशा इनकार कर दिया है। अर्जेंटीना के विचार में “फोरडोरी-डंकन समझौते” का अपना व्यावहारिक महत्व खो गया है। और इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के गैर-औपनिवेशीकरण के दिशानिर्देशों के तहत हल करने की आवश्यकता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

 

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