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‘चीन-अफ्रीका सहयोग मंच’ का शिखर सम्मेलन रहा असरदार, मिली कई उपलब्धियां  

चीन-अफ्रीका सहयोग शिखर सम्मेलन: चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी नीतियों को लेकर एक स्पष्ट पहचान रखता है। यही वजह है कि एशिया के बाहर भी चीन की अंतरराष्ट्रीय नीतियों की सराहना होती है। अफ्रीकी देशों की बेहतरी के लिए भी चायना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई उपयोगी सुझाव दिए हैं, जबकि चायना अपनी तरफ से समय-समय पर मदद भी करता है। 4 से 6 सितंबर के बीच चीन में हुआ चीन-अफ्रीका सहयोग मंचका शिखर सम्मेलन इस बार बेहद खास रहा है। क्योंकि यह सम्मेलन दोनों पक्षों के लिए कई उपलब्धियों से भरा रहा। पेइचिंग में हुए इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना और भविष्य में चीन और अफ्रीका के बीच एक शानदार संबंध स्थापित करना था।  चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का 5 सितंबर 2024 को हुआ ऐतहासिक भाषण भी अहम रहा। जिसमें उन्होंने अफ्रीका और चीन की दोस्ती पर कई बड़ी बातें कही और भविष्य में एक दूसरे के साथ लंबा सफर तय करने की दिशा में आगे बढ़ने की बात भी ही। जिससे अफ्रीका को भी अब बेहतर भविष्य की एक नई उम्मीद जगी है।

चीन-अफ्रीका सम्मेलन में 50 से अधिक अफ्रीकी देश हुए शामिल

दरअसल, इस आयोजन के जरिए चीन के विकासशील देशों की एकजुटता और सहयोग के लिए ग्लोबल साउथ की शक्ति एकत्र करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जिससे यह सम्मेलन विश्व के शांतिपूर्ण विकास को आगे बढ़ाने की दिशा अहम कदम माना जा रहा है। वर्तमान में चीन एशिया के साथ-साथ दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है, ऐसे में चायना की यह जिम्मेदारी बनती है वह विकासशील देशों को साथ लेकर चले और आने वाले समय के लिए उपयोगी कदम उठाए। यही वजह है कि चीन और अफ्रीका के बीच हुआ यह सम्मेलन अहम साबित हुआ। क्योंकि इस आयोजन में 50 से अधिक अफ्रीकी देश शामिल हो रहे हुए थे। जिनमें इक्वेटोरियल गिनी, सेशेल्स, कांगो (डीआरसी), जिबूती, दक्षिण अफ्रीका, लेसोथो आदि देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकारों के प्रमुख भी शामिल रहे। 

सम्मेलन की चार बड़ी उबलब्धियां 

चीन और अफ्रीका शिखर सम्मेलन कई उपलब्धियों से भरा रहा। चार बड़ी उपलब्धियां उपयोगी साबित हुई। जिसमें पहला चीन और अफ्रीकी देशों के बीच अब रणनीतिक साझेदारी स्थापित हो चुकी हैं। सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अफ्रीकी देशों के नेताओं के साथ गहन विचार विमर्श किया और भविष्य में आगे चलने का वादा करते हुए 30 देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने की बात कही। सम्मेलन में इस बात पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया कि चीन और 50 से अधिक अफ्रीकी साथियों के साथ मिलकर लोगों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए विश्व शांति व स्थिरता में ज्यादा भूमिका दोनों संघों की तरफ से निभाई जाएगी। 

नए युग में चीन और अफ्रीका के संबंध 

चीन ने अफ्रीकी देशों को भरोसा दिलाया है कि यह चीन और अफ्रीका के संबंधों का नया युग है, जिसमें बेहतर योजनाएं और उन्नत भविष्य होगा। चीन-अफ्रीका संबंध इतिहास में सबसे अच्छे दौर में हैं। जिससे चीन और अफ्रीका के 2।8 अरब लोगों की दृढ़ इच्छा जाहिर हुई है। इसके अलावा चीन और अफ्रीका के बीच 6 प्रस्तावों पर भी साइन हुए हैं। 

तीन सालों की कार्ययोजना बनाई 

वहीं चीन-अफ्रीका ने आने वाले तीन सालों के विकास का खाका भी तैयार किया है। एक पेइचिंग घोषणा पत्र और कार्य योजना पारित की है। जिसमें चीन और अफ्रीका के बीच औद्योगिक शृंखला, सभ्यता, व्यापार, स्वास्थ्य, नागरिक जीवन, स्वास्थ्य, कृषि, संस्कृति, हरित विकास और सुरक्षा में अफ्रीका के साथ चायना बहुत ही ज्यादा सहयोग बढ़ाएगा। चीन और अफ्रीका के इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आधुनिकीकरण को बढ़ाना देना था। चायना ने अफ्रीकी देशों को टेक्नालॉजी और उपयोगी संसाधन उपलब्ध कराएगा ताकि व्यापार में भी बढ़ावा आ आए। विदेशी मामलों के जानकारों के मुताबिक जनवरी 2024 से जुलाई 2024 के बीच ही चीन और अफ्रीका के बीच कुल 167 अरब डॉलर का माल व्यापार हुआ। जिसमें चीन ने 97 अरब का सामान अफ्रीका को निर्यात किया है, जबकि 69 अरब का सामान अफ्रीका ने चीन को निर्यात किया है। अब यह व्यापार और आगे ले जाने पर सहमति बनी है। अफ्रीका के बंदरगाह, बुनियादी ढांजे और सड़क संपर्क बनाने में चीन मदद करेगा। इससे चीन और अफ्रीका के रिश्ते आने वाले समय के लिए और भी गहरे होंगे। जिससे दोनों देशों को विश्वास है कि विश्व आधुनिकीकरण प्रक्रिया में अधिक “चीन-अफ्रीका शक्ति” का योगदान देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। 

चीन और अफ्रीका में 7 खरब डॉलर का संबंध 

चीन और अफ्रीका के बीच रणनीतिक अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। चीन और अफ्रीका, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करते हुए, रणनीतिक आपसी विश्वास को गहरा करना जारी रखते हैं और अपने मूल हितों से संबंधित मुद्दों पर लगातार एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। दोनों देश बेल्ट एंड रोड पहल और वैश्विक विकास पहल के 2063 के एजेंडे के साथ आगे बढ़ते हुए भविष्य की रणनीतियों में तालमेल बिठा रहे हैं। खास बात यह भी है कि यही वजह है कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की मदद की और सहयोग के नए क्षेत्रों का लगातार विस्तार किया। जिससे पिछले 10 सालों में ही अफ्रीका में चीनी उद्यमों का अनुबंध मूल्य 7 खरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। जिसका लाभ करीब 90 करोड़ अफ्रीकी लोगों को हुआ है। जो चीन और अफ्रीका की दोस्ती की कहानी कहता हुआ नजर आता है। आज चायना लगातार अफ्रीकी बाजारों में प्रवेश कर रहा है तो अफ्रीकी देश की चीनी टेक्नालॉजी का पूरा फायदा उठा रहे हैं। दोनों संघों ने लगातार डिजिटलीकरण को भी बढ़ावा दिया है, जिससे रास्ते और आसान हुए हैं।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)  (लेखक—दिव्या तिवारी)

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